भिलाई [न्यूज़ टी 20] नागौर जिले के मेड़ता थाना क्षेत्र में एक दिन पहले जसनगर व सुरपुरा के आपसी रंजिश में बीच सड़क हमलावरों ने 70 साल के बुजुर्ग की पीट-पीटकर हत्या कर दी। वहीं इस हमले में बेटा भी गंभीर घायल हो गया।उसे अजमेर रैफर किया गया है। जहां आईसीयू में इलाज चल रहा है।
अब गुरुवार सुबह परिजनों के साथ राजपूत समाज के लोग अजमेर स्थित JLN हॉस्पिटल में जमा हो गए। पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए परिजनों ने हमलावरों कि गिरफ्तारी की मांग करने लगे। साथ ही परिजनों ने वेन व हथियारों की बरामदगी से पहले पोस्टमार्टम कराने और शव लेने से साफ इंकार कर दिया ।
दोपहर में अजमेर रेंज IG ने प्रदर्शनकारियों से समझाइश करते हुए अगले 5 दिनों में सभी आरोपियों की गिरफ्तारी का आश्वासन दिया। इसके बाद परिजन और समाज के लोग शव का पोस्टमार्टम कराने और शव लेने को तैयार हो गए।
यह था मामला
दरअसल, हमलावर मृतक के पड़ोसी ही हैं। कुछ समय पहले दोनों पक्षों में लड़के- लड़की के प्रेम प्रसंग को लेकर रंजिश हुई थी। बुधवार दोपहर एक पक्ष की तरफ से बाप -बेटे जब्बर सिंह (70) और दीपेंद्र सिंह (18) निवासी सुरपुरा गांव से जसनगर स्थित बैंक में बाइक पर कैश जमा कराने जा रहे थे।
तभी दूसरे पक्ष से उनके पडोसी बशीर खान, उसका भाई अहमद खान और समीर खान पुत्र अहमद खान निवासी सुरपुरा दो तीन अन्य के साथ वेन में वहां पहुंचे और उनका रास्ता रोक लिया। इसके बाद दोनों बाप -बेटे जब्बर सिंह व दीपेंद्र सिंह पर लाठी-सरियों से ताबड़तोड़ वार करना शुरू कर दिया।
संगीन मारपीट के बाद सभी हमलावर मौके से भाग गए। सूचना मिलते ही मेड़ता शहर पुलिस मौके पर पहुंची और घायलों को प्राइमरी ट्रीटमेंट के बाद अजमेर रेफर किया गया। जहां जब्बर सिंह ने दम तोड़ दिया, वहीं दीपेंद्र की हालत गंभीर बनी हुई है।
परिजनों का शव लेने से इंकार
इधर अजमेर स्थित JLN हॉस्पिटल में गुरुवार सुबह परिजनों के साथ राजपूत समाज के सैंकड़ों लोग जमा हो गए है। भैरुन्दा प्रधान जसवंत सिंह थाटा, मंजितपाल सिंह सांवराद सहित राजपूत समाज के कई नेताओं ने मामले में आरोपियों कि गिरफ्तारी और
वारदात में प्रयुक्त की गई वेन और हथियारों की बरामदगी से पहले शव लेने से इंकार कर दिया है और धरने पर बैठे हुए है। भैरुन्दा प्रधान जसवंत सिंह थाटा ने बताया कि आरोपियों ने करीब सप्ताह भर पहले मृतक जब्बरसिंह को घर में घुस कर उनके बेटे दीपेंद्र सिंह को जान से मारने की धमकी भी दी थी।
दोपहर में अजमेर रेंज IG ने प्रदर्शनकारियों से समझाइश करते हुए अगले 5 दिनों में सभी आरोपियों की गिरफ्तारी का आश्वासन दिया। इसके बाद परिजन और समाज के लोग शव का पोस्टमार्टम कराने और शव लेने को तैयार हो गए।