भिलाई [न्यूज़ टी 20] बिलासपुर / राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने परफार्मेंस अप्रेजल रिपोर्ट (पीएआर) जमा नहीं करने वाले शिक्षा महाविद्यालयों को तगड़ा झटका दिया है। उसने छत्तीसगढ़ के 99 बीएड,

डीएलएड व एमएड कालेजों में नए सत्र से प्रवेश पर रोक लगाते हुए जीरो एकेडमिक ईयर घोषित कर दिया है। वहीं रिपोर्ट भेज चुकीं 156 संस्थाओं की जांच होनी अभी बाकी है। इनमें भी किसी प्रकार की गड़बड़ी मिलने पर कार्रवाई की जाएगी। इस आदेश के बाद से हड़कंप मचा हुआ है।

शिक्षा महाविद्यालयों में सत्र 2022-23 में प्रवेश लेने वाले उम्मीदवारों को इस साल सतर्क रहने की जरूरत है। एनसीटीई ने पीएआर जमा करने वाले देशभर के 10,993 बीएड कालेजों को प्रवेश के लिए अभी मान्यता सूची में रखा है। इसमें छत्तीसगढ़ के 156 संस्थानों का भी उल्लेख है।

इनमें गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय बिलासपुर, पंडित रविशंकर विश्वविद्यालय रायपुर, पंडित सुंदरलाल शर्मा मुक्त विश्वविद्यालय बिरकोना, शासकीय कालेज आफ टीचर एजुकेशन रायपुर,

इंस्टीट्यूट आफ एडवांस स्टडी इन एजुकेशन बिलासपुर आदि शामिल हैं, जबकि 99 कालेजों पर पाबंदी लगा दी है। माना जा रहा है कि इससे प्रदेश

के 10 हजार बच्चे प्रभावित होंगे। बता दें कि राज्य में 148 बीएड, 89 डीएलएड और 18 एमएड कालेज संचालित हैं। आदेश में बताया गया है कि एनसीटीई एक्ट 1993 और एनसीटीई रेगुलेशन 2014 में संशोधन के बाद सभी शिक्षा

महाविद्यालयों के लिए पीएआर रिपोर्ट को आनलाइन जमा करना अनिवार्य था। एनसीटीई ने साल 2019 से लेकर दो अप्रैल 2022 तक कई मौके दिए। आखिर में 27 अप्रैल को दिल्ली में हुई बैठक के बाद यह निर्णय आया। बिलासपुर जिले के आधा दर्जन से अधिक कालेज इससे प्रभावित होंगे।

पीएआर रिपोर्ट में यह बताना था

– छात्र संख्या से लेकर शिक्षक, कर्मचारियों का विवरण।

– वेतन बांटने की पूरी स्थिति और आनलाइन जानकारी।

– भूमि का विवरण, क्लास रूम, खेल का मैदान आदि।

– प्रयोगशालाएं, वित्तीय व अकादमिक विकास का ब्योरा।

इस मामले में अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय के कुलपति आचार्य एडीएन वाजपेयी ने कहा की

एनसीटीई ने सत्र 2020-21 की पीएआर रिपोर्ट को लेकर बेहद सख्त कदम उठाया है। वर्ष 2014 के बाद सभी शिक्षा महाविद्यालयों को आगाह किया गया था। भविष्य में पूरी सुविधा, संसाधन, अधोसंरचना और पारदर्शिता बरतने वालों को ही अनुमति मिलेगी।

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