भिलाई [न्यूज़ टी 20] रायपुर. छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े इस्पात संयंत्र भिलाई स्टील प्लांट (बीएसपी) में श्रमिकों की सुरक्षा का मामला विधानसभा के मानसून सत्र में उठाया गया. भिलाई नगर से कांग्रेस विधायक देवेन्द्र यादव ने मानसून सत्र के तीसरे दिन शुक्रवार को प्रश्नकाल में स्टील एथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड के बीएसपी यूनिट में यह मामला उठाया.

विधायक देवेंद्र यादव ने बीएसपी प्रबंधन द्वारा ठेका श्रमिकों को दी जा रही सुरक्षा के मामले में सरकार से सवाल किए. संयंत्र के अंदर हुई दुर्घटनाओं का मामला उठाया. विधायक देवेन्द्र ने संबंधित मंत्री से पूछा कितनी घटनाएं हुई? बीएसपी में सुरक्षा की क्या व्यवस्था है? दुर्घटनाओ का क्या कारण है?

मृतकों के परिवारों को अनुकंपा नियुक्ति दी जाएगी क्या? जवाब में श्रम मंत्री शिव डहरिया ने बताया कि पिछले 3 सालों में भिलाई इस्पात संयंत्र में 15 मौतें हुई हैं. 9 लोग घायल हुए हैं. मंत्री ने माना कि भिलाई स्टील प्लांट द्वारा दुर्घटना वाले क्षेत्र में सुरक्षा जांच के बिना काम कराया जाता है. जबकि सुरक्षा की जिम्मेदारी भिलाई स्टील प्लांट का ही है.

अनुकम्पा नियुक्ति दी गई है

मंत्री शिव डहरिया ने बताया कि श्रम अधिनियम में श्रामिकों की मृत्यु पर परिजनों को अनुकंपा नियुक्ति का प्रावधान नहीं है, लेकिन श्रम विभाग मानवीय आधार पर अनुकंपा दिलाने का प्रयास करता है. नियमित मृत श्रमकों के 4 परिजनों को अनुकंपा नियुक्ति दी गई है.

मंत्री के जवाब से विधायक देवेंद्र यादव ने असंतुष्टि जताई. इसपर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि भिलाई स्टील प्लांट श्रम विभाग की सुन नहीं रहा है. स्पीकर ने मंत्री से कहा कि भिलाई इस्पात संयंत्र प्रबंधन को कड़ाई से निर्देश दें.

मानसून सत्र के तीसरे दिन कांग्रेस विधायक ने धनेंद्र साहू ने स्मार्ट सिटी के मुद्दे पर अपने ही मंत्री को घेरा. पूछा प्रदेश के कौन कौन से नगरों को स्मार्टसिटी योजना के अंतर्गत स्वीकृति प्रदान की गई है, जिसे स्वीकृति दी गई वह कितने लागत की है. ठेका किस फर्म को दिया गया है.

मंत्री डहरिया ने कहा – स्मार्ट सिटी के अंतर्गत रायपुर,बिलासपुर, नवा रायपुर को भारत सरकार से स्वीकृति मिली है. इसके कार्य के लिए स्मार्ट सिटी कॉरपोरेशन लिमिटेड का गठन किया गया.

जिसके अधिन काम किया जा रहा है. धनेन्द्र साहू ने स्मार्ट सिटी की बैठकों में नहीं बुलाये जाने की शिकायत भी सदन में की और उनके विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले गांवों को स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के अंतर्गत शामिल करने की बात कही.

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