भिलाई [न्यूज़ टी 20] भगवद गीता के अनुसार, एक व्यक्ति जो भोजन करता है उसका सीधा प्रभाव उसके विचारों, चरित्र, मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर पड़ता है।

इसलिए पुरातन काल से ही भोजन को 3 मुख्य श्रेणियों में बांटा गया था सात्विक (Satvik Food), राजसिक (Rajsik Food) और तामसिक (Tamasik Food)। राजसिक आहार में मिर्च, घी तेल मसालों का अधिक इस्तेमाल किया जाता है।

इसके अलावा तामसिक आहार में मांस, मछ्ली ओर आजकल के जंक फूड। साथ ही वे भारी फूड कॉम्बिनेशन शामिल हैं, जो स्वास्थ्य पर कहर बरपा सकते हैं। इसके विपरीत सात्विक आहार स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद माना जाता है।

आयुर्वेद में ऐसा कहा जाता है कि सात्विक आहार अपनाने से वात, पित्त और कफ संतुलित रहते हैं। यह तीन दोष सभी बीमारियों का कारण बनते हैं। इसलिए इन्हें कंट्रोल करना ज़रूरी है।

अधिक जानने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें – वात, पित्त और कफ के दोष को संतुलित कर आपकी सेहत को 6 लाभ देता है सात्विक आहार

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