रायगढ़। घर के सामने वाली जमीन में गंदगी किये जाने से क्षुब्ध ग्रामीण ने वन समिति अध्यक्ष की टांगी से ताबड़तोड़ प्रहार कर जान लेने का मामला सामने आया है। पीएम रिपोर्ट में हत्या आने के बाद धरमजयगढ़ पुलिस ने संदेहियों पर पैनी नजर बनाकर एक गांव के ही ग्रामीण को हिरासत मे लिया और सघन पूछताछ में अंधे कत्ल का पर्दाफाश किया है।

गौरतलब हो कि थाना धरमजयगढ़ अन्तर्गत छह अप्रेल को ओंगना रोड़ जंगल के पास ग्राम दर्रीडीह का मुन्कु लाल गुप्ता पिता स्व. गयाराम गुप्ता उम्र 62 वर्ष सड़क पर घायल बेहोश हालत में पड़ा था, जिसे डायल 112 की ईआरवी वाहन धरमजयगढ; अस्पताल पहुंची। डाक्टर द्वारा चेक करने पर मुन्कु लाल गुप्ता की मृत्यु होना बताया। मृतक के सिर पीछे चोट लगी थी । मृतक के भतीजे के रिपोर्ट पर थाना धरमजयगढ़ में मर्ग कायम कर पंचनामा कार्रवाई कर शव का पीएम कराया गया । पीएम रिपोर्ट पर डाक्टर द्वारा मृतक की मृत्यु को हत्या (होमीसाडल) होना लेख किये जिस पर 14 अप्रैल को अज्ञात आरोपित पर धारा 302 भादवि में अपराध पंजीबद्घ कर विवेचना में लिया गया।

निरीक्षक विजय पैंकरा द्वारा गंभीर अपराध की सूचना वरिष्ठ अधिकारियों को देकर एसडीओपी धरमजयगढ़ के मार्गदर्शन पर जांच विवेचना किया जा रहा था । मृतक के वारिसानो ने पुलिस को बताया कि बताये कि छह अप्रेैल करीब चार बजे मुन्कु लाल गुप्ता धरमजयगढ़ अपने मोटरसाइकिल से सामान लेने गया था, जिसके ओंगना रोड़ पर बेहोश पड़ा मिलने की सूचना मिली थी । थाना प्रभारी विजय पैंकरा द्वारा मृतक के साथ किसी के जमीन विवाद, पुरानी रंजीश आदि सभी पहलुओं पर बारीकी से जांच कर मृतक के वारिसानों एवं गांव के लोगों से बारीकी से पूछताछ पर जानकारी मिला कि मुन्कु लाल गुप्ता का उसके घर सामने रहने वाले रतन कुमार गुप्ता से नहीं बनती थी, दोनों के बीच पहले भी झगड़ा विवाद हुआ है । थाना प्रभारी द्वारा संदेही रतन गुप्ता की घटना दिनांक की सभी गतिविधियों तथा घटनास्थल आसपास लोगों से पूछताछ कर कई महत्वपूर्ण सबूत जुटाये। जिसके बाद संदेही रतन गुप्ता को हिरासत में लेकर पूछताछ किये, पहले तो रतन गुप्ता पुलिस को गुमराह करने की कोशिश में था किन्तु टीआई विजय पैंकरा द्वारा जुटाये गये सबूत के आगे रतन गुप्ता की नहीं चली और उसने अपना जुर्म कबूल कर पुरानी रंजीश पर टांगी से मुन्कु लाल गुप्ता की हत्या करना स्वीकार किया । वही आरोपित रतन कुमार गुप्ता पिता सालिक राम गुप्ता उम्र 41 वर्ष निवासी ग्राम दर्रीडीह पुलिस को दिए अपने बयान में बताया कि इसका तथा मुन्कु लाल गुप्ता (मृतक) का घर आमने सामने स्थित है । घर के सामने वाली इसके जमीन पर मुन्कु लाल गुप्ता और उसके घर के लोग गंदगी करते हैं , मुन्कु लाल को कई बार गंदगी करने से मना किया था पर नहीं मानते हैं । मुन्कु लाल गुप्ता का जमीन इसके टिकरा भूमि से लगा हुआ है मुन्कु लाल उस जमीन का सीमांकन कराने तहसील कार्यालय धर्मजयगढ़ में आवेदन लगाया है यदि सीमांकन कर नक्शा दुरुस्त तो होता तो टिकरा जमीन का आकार बदल जाता और उसकी उपयोगिता कम हो जाता इसलिए मुन्कु लाल को सीमांकन कराने से मना किया था। पर मुन्कु लाल बातों को अनसुना कर देता था जिससे अत्यधिक गुस्से में था । आरोपी रतन लाल गुप्ता यह भी बताया कि उसने वन अधिकार पट्टा पाने के लिए सरपंच के माध्यम से मुन्कु लाल गुप्ता को आवेदन दिया था मुन्कु लाल वन सुरक्षा समिति का अध्यक्ष है, अध्यक्ष होने के नाते स्वीकार कर सकता था, परंतु मुन्कु लाल आवेदन पत्र को अग्रेषित नहीं कर खारिज करवा दिया । इन सब कारणों से व्यथित होकर मुन्कु लाल गुप्ता की हत्या करने की साजिश रची और 6 अप्रेल को जब मुन्कु लाल धर्मजयगढ़ शाम को जा रहा था तो उसके पीछे पीछे गया और रास्ते में ओंगना रोड पर शाम करीब 6ः30 बजे मुन्कु लाल घर लौट रहा था तो उसे रुकवाकर मुन्कु लाल के सिर में तीन चार बार टांगी से मारकर उसकी हत्या कर दिया ।

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