भिलाई [न्यूज़ टी 20] दक्षिण कश्मीर में स्थित पवित्र अमरनाथ गुफा के पास शुक्रवार शाम को बादल फटने से आई आकस्मिक बाढ़ के कारण कई लोग बह गए। हादसे में 15 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है और 40 अभी भी लापता हैं। अमरनाथ की पवित्र गुफा से जो लोग सोनमार्ग के बालटाल बेस कैंप तक पहुंचने में सफल हुए,

उन्होंने घटना को लेकर भयावह अनुभव साझा किए हैं। यूपी में हरदोई के रहने वाले दीपक चौहान ने न्यूज एजेंसी एएनआई को बताया, “भगदड़ जैसे हालात बन गए थे लेकिन आर्मी ने बहुत सहयोग किया। बाढ़ की वजह से बहुत से पंडाल बह गए।”

महाराष्ट्र के एक अन्य श्रद्धालु ने बताया कि बादल फटने के बाद अचानक आई बाढ़ अपने साथ बड़ी संख्या में पत्थर भी लेकर आई। हम लोग घटनास्थल से दो किलोमीटर दूर थे। एक अन्य श्रद्धालु के मुताबिक, बादल फटा तो हमें इसका विश्वास नहीं हुआ।

कुछ ही समय के बाद हमें हर जगह बस पानी ही पानी दिख रहा था। हमारा आठ लोगों की समूह था, जिसका हर एक सदस्य भोलेनाथ की कृपा से सुरक्षित बच गया। हमने लोगों को पानी में बहते हुए देखा। हमारा अनुभव बहुत डरावना है।

‘कई टेंट और सामुदायिक रसोईघर हो गए नष्ट’ 

पुलिस और एनडीआरएफ अधिकारियों ने बताया कि इस घटना में कई टेंट व सामुदायिक रसोईघर नष्ट हो गए। जम्मू कश्मीर प्रशासन के एक अधिकारी ने बातया कि इस त्रासदी के कारण अमरनाथ यात्रा निलंबित कर दी गी है और उसे बहाल का निर्णय बचाव अभियान पूरा हो जाने के बाद ही लिया जाएगा। अमरनाथ यात्रा तीन जून को शुरू हुई थी।

2 घंटे के भीतर 31 मिलीमीटर हुई बारिश

अधिकारियों के अनुसार कि भारी बारिश के बीच शाम साढ़े पांच बजे बादल फटा और पहाड़ की ढलानों से पानी व गाद की मोटी धारा घाटी की ओर बहने लगी। गुफा के स्वचालित मौसम केंद्र के अनुसार साढे चार से साढे छह बजे तक 31 मिलीमीटर वर्षा हुई।

जम्मू कश्मीर मौसम विज्ञान विभाग के निदेशक सोनम लोटस ने कहा कि यह पवित्र गुफा के ऊपर बहुत ही सीमित बादल था। इस साल पहले ऐसी वर्षा हुई थी। लेकिन आकस्मिक बाढ़ नहीं आई थी।

Share on

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *