नवनियुक्त विधिक सलाहकार राजेश श्रीवास्तव का किया गया स्वागत
भिलाई [न्यूज़ टी 20]रायपुर / राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके की अध्यक्षता में आज यहां राजभवन में आयोजित समारोह में राज्यपाल के विधिक सलाहकार राधाकृष्ण अग्रवाल को विदाई दी गई और नवनियुक्त विधिक सलाहकार राजेश कुमार श्रीवास्तव का स्वागत किया गया।
राज्यपाल सुश्री उइके ने राधाकृष्ण अग्रवाल को उनके नये दायित्व (जिला एवं सत्र न्यायाधीश बिलासपुर) के लिए शुभकामनाएं दीं और राजेश कुमार श्रीवास्तव का राजभवन परिवार में शामिल होने पर स्वागत किया।
इस अवसर पर राज्यपाल सुश्री उइके ने कहा कि श्री अग्रवाल बेहद ही सहज और सरल व्यक्तित्व के धनी हैं और पिछले लगभग तीन सालों तक श्री अग्रवाल ने एक अच्छे विधिक सलाहकार के रूप में राजभवन में अपनी सेवाएं दी हैं।
उन्होंने कहा कि श्री अग्रवाल ने वंचित वर्गों की बेहतरी के लिए संविधान की मंशा के अनुरूप कार्य किया। सुश्री उइके ने कहा कि आज लोग राजभवन की ओर एक विश्वास के साथ देखते हैं
और वे आशा करते हैं कि उनकी समस्याओं का समाधान होगा। यह विश्वास, राजभवन के अधिकारियों एवं कर्मचारियों का आपसी समन्वय के साथ काम करने का सकारात्मक प्रतिफल है।
सुश्री उइके ने कहा कि न्यायाधीश की भूमिका समाज के लिए बेहद महत्वपूर्ण होती है। न्याय की तलाश में लोग न्यायालय का दरवाजा खटखटाते हैं। ऐसे में उन्हें न्याय जल्दी मिल सके, इस दिशा में न्यायाधीश को हमेशा कार्य करना चाहिए।
यदि न्याय समय पर न मिले तो वह न्याय नहीं हो सकता। सुश्री उइके ने अग्रवाल के स्वस्थ एवं दीर्घायु जीवन की कामना की एवं उन्हें सम्मानित करते हुए शाल, श्रीफल एवं स्मृति-चिन्ह प्रदान किया।
राधाकृष्ण अग्रवाल ने कहा कि राज्यपाल सुश्री उइके से इस दौरान बहुत कुछ सीखने को मिला। उनकी संवेदनशीलता एवं अंतिम व्यक्ति को भी न्याय मिले, ऐसी भावना से वे बहुत प्रभावित हुए।
उन्होंने कहा कि कोविड महामारी के समय वे स्वयं एवं राजभवन के कुछ अधिकारी-कर्मचारी कोरोनाग्रस्त हो गए थे, किन्तु इस दौरान राज्यपाल सुश्री उइके ने सभी का अभिभावक की तरह ध्यान रखा और भावनात्मक रूप से सहारा दिया।
उन्होंने सभी को सहयोग के लिए धन्यवाद दिया। समारोह को राज्यपाल के सचिव अमृत कुमार खलखो, विधिक सलाहकार राजेश कुमार श्रीवास्तव, राज्यपाल के निज सहायक जितेन्द्र कुमार सोलंकी ने भी संबोधित किया।
इस अवसर पर राज्यपाल के परिसहाय सूरज सिंह परिहार, मेजर सिद्धार्थ सिंह, नियंत्रक हरवंश मिरी एवं राजभवन परिवार के समस्त अधिकारी कर्मचारी उपस्थित थे।