भिलाई [न्यूज़ टी 20] अगरतला : बीजेपी द्वारा शासित त्रिपुरा की राज्य सरकार ने मान्यता प्राप्त पत्रकारों के लिए एक स्वास्थ्य बीमा कवर की पेशकश को मंजूरी दे दी है। प्रस्तावित योजना के मुताबिक 21-65 वर्ष आयु वर्ग के पत्रकार जिन्होंने अन्य स्वास्थ्य बीमा योजनाओं या आयुष्मान भारत में नामांकन नहीं किया है।
उन्हें योजना के लाभों के लिए पात्र माना जा सकता है। इस योजना के तहत प्रिंट, वेब और इलेक्ट्रानिक मीडिया संगठनों से जुड़े मान्यता प्राप्त पत्रकारों कवर दिया जाएगा।
तीन लाख रुपये तक के चिकित्सा खर्च का कवर
राज्य के सूचना एवं सांस्कृतिक मामलों के मंत्री सुशांत चौधरी ने बताया कि बीमा के तहत तीन लाख रुपये तक के चिकित्सा खर्च को कवर किया जाएगा। उन्होंने बताया कि राज्य में कुल 177 पत्रकार हैं जो पहले से ही राज्य के आईसीए विभाग से मान्यता प्राप्त हैं।
नए पत्रकारों को मान्यता के लिए नए आवेदन आमंत्रित किए गए हैं, अब करीब 250 नए आवेदन जमा किए गए हैं। उचित जांच के बाद लाभार्थियों का चयन किया जाएगा।
बीमा का 80 फीसदी प्रीमियम देगी राज्य सरकार
योजना के बारे में अधिक जानकारी देते हुए चौधरी ने कहा कि वार्षिक प्रीमियम का 80 फीसदी राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। जबकि शेष राशि लाभार्थी को स्वयं जमा करनी होगी। पत्रकारों को स्वास्थ्य बीमा कवर देने के लिए राज्य सरकार विभिन्न बीमा कंपनियों से टेंडर आमंत्रित करेगी।
सरकार ने पहले चरण में करीब एक हजार पत्रकारों को कवर करने का लक्ष्य रखा है। योजना का लाभ उठाने के लिए पत्रकार को त्रिपुरा का स्थायी निवासी होना चाहिए और राज्य सरकार या प्रेस सूचना ब्यूरो (पीआईबी) से मान्यता प्राप्त होना चाहिए।
कई योजनाओं को सरकार ने दी मंजूरी
वहीं राज्य सरकार ने अन्य महत्वपूर्ण फैसले लेते हुए प्रारंभिक शिक्षा में 600 नए पदों और स्नातक और स्नातकोत्तर शिक्षकों के लिए 340 पदों को मंजूरी दी है, जिन्हें जल्द ही भरा जाना है।
साथ ही त्रिपुरा स्टेट राइफल्स के जवानों की राशन राशि भी 800 रुपये से बढ़ाकर 1,000 रुपये और सेवा कार्यकाल 57 साल से बढ़ाकर 60 साल कर दिया गया है।
स्वयं सहायता समूह समूहों को स्टाम्प शुल्क पर छूट
मंत्री ने मीडियाकर्मियों को यह भी बताया कि त्रिपुरा ग्रामीण आजीविका मिशन (टीआरएलएम) और राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (एनयूएलएम) योजनाओं के तहत स्वयं सहायता समूह समूहों द्वारा देय स्टाम्प शुल्क को 10 लाख रुपये तक के ऋण से छूट दी गई है।