नई दिल्‍ली. मेरी शादी कब होगी? नौकरी के लिए मेरे सितारे क्या कहते हैं? कुछ ऐसे ही सवाल पूछे गए उस हेल्पलाइन नंबर पर, जिसका मकसद था यूक्रेन में फंसे भारतीयों और उनके परिजनों तक सही जानकारी पहुंचाने का और उनकी मदद करने का.

16 फरवरी को विदेश मंत्रालय द्वारा बनाए गए कंट्रोल रूम में अब तक 13 हजार से ज्‍यादा फोन और 9 हजार से ज्‍यादा ईमेल का जवाब दिया गया है. लेकिन शुरुआत के दिनों में कुछ ऐसे भी फोन आए, जिनका यूक्रेन और वहां फंसे भारतीयों से दूर दूर तक कोई वास्ता नहीं था.

न्यूज़18 को मिली जानकारी के अनुसार कुछ टीवी चैनलों पर विदेश मंत्रालय के हेल्पलाइन नंबर के साथ ज्योतिष से जुड़े विज्ञापन एक साथ ही स्क्रीन पर दिखाई दिए, जिससे लोगों में कंफ्यूजन उत्‍पन्‍न हुआ और उन्होंने इस हेल्पलाइन नंबर पर फोन कर अपने भविष्य से जुड़े सवाल पूछ डाले.

इतना ही नहीं कुछ फाइनेंशियल कंपनियों की तरफ से क्रेडिट कार्ड और निजी लोन का ऑफर भी हेल्पलाइन देख रहे अधिकारियों को दिया गया. दिल्ली में बनाए गए कंट्रोल रूम में 100 के करीब अधिकारी अलग-अलग शिफ्ट में कार्यरत थे.

हैरत की बात यह है कि कुछ लोग इस आपदा में भी अवसर तलाश रहे थे. इन हेल्पलाइन नंबरों पर नोएडा और ग्रेटर नोएडा में बन रहे फ्लैट में निवेश को लेकर भी ऑफर दिए गए.

‘हम छात्रों को सुरक्षित निकालेंगे’

ऑपरेशन गंगा के तहत अब तक 90 उड़ानों के जरिए करीब 18 हजार से ज़्यादा भारतीयों को सुरक्षित वापस लाया गया. लेकिन कुछ दिलचस्प फोनन ऐसे भी जहां फोन करने वालों ने दावा किया कि उनकी यूक्रेन में जान-पहचान बहुत है और वो बहुत आसानी से वहां से छात्रों को सुरक्षित निकाल लेंगे.

साथ ही शुल्क में मोलभाव की गुंजाइश भी रखी. हालांकि ऐसे कॉल शुरुआती दिनों में ही आए, लेकिन यूक्रेन में हालात बिगड़ने के बाद हज़ारों कॉल ऐसे आए जिनपर कदम उठाकर वहां फंसे भारतीयों की मदद की गई, और उनके परिजनों की परेशानी दूर करने के लिए भी कदम उठाए गए.

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