भिलाई [न्यूज़ टी 20] भारत के उन हजारों युवाओं के लिए अच्छी खबर है, जो लंबे समय तक सेना में भर्ती हुए बिना भी सैन्य जीवन का अनुभव हासिल करना चाहते हैं।
केंद्र सरकार तीन साल के लिए युवाओं को सशस्त्रत्त् बलों में भर्ती का मौका देने वाली ‘अग्निपथ भर्ती’ योजना को अंतिम रूप देने के करीब है।
दो वर्ष पूर्व लाया गया था प्रस्ताव
इस बाबत प्रस्ताव दो साल पहले 2020 में लाया गया था। सूत्रों ने कहा, सेना के तीनों अंगों में ‘अग्निपथ या ‘टूर ऑफ ड्यूटी एंट्री स्कीम’ पर चर्चा अंतिम चरण में है। प्रस्तुति दी जा रही हैं।
तीनों बलों के अधिकारियों ने इस स्कीम का समर्थन किया है। सूत्रों का कहना है कि बलों के पास विशिष्ट कार्यों के लिए विशेषज्ञों की भर्ती करने का विकल्प भी होगा।
तीन वर्ष के बाद भी कर सकेंगे नौकरी
इसके बाद रक्षा बलों के पास उनमें से कुछ को सेवा में रखने का विकल्प होगा। इनमें सैनिकों को अल्पकालिक अनुबंध पर शामिल किया जाएगा, प्रशिक्षित किया जाएगा और विभिन्न क्षेत्रों में तैनात किया जाएगा।
प्रारंभ में 100 होगी रिक्तियों की संख्या
शुरुआत में रिक्तियों की संख्या लगभग 100 होगी, जिसे बाद में बढ़ाया जा सकता है। हालांकि, यह इजरायल जैसे कुछ देशों की तरह सैन्य भर्ती नहीं होगी। चयनित उम्मीदवारों को अधिकारी या अन्य रैंक के रूप में राष्ट्र की सेवा करने का मौका मिलेगा।
सूत्रों ने बताया कि सशस्त्रत्त् बलों में तीन वर्षों की सेवा के दौरान इन युवाओं को ‘अग्निवीर’ के रूप में जाना जाएगा।
कर्मियों की कमी दूर करना मकसद
अधिकारियों सहित कर्मचारियों की कमी को दूर करने के लिए टूर ऑफ ड्यूटी भर्ती मॉडल की शुरुआत की योजना बनाई गई है। भर्ती मॉडल को देश के भीतर रोजगार के अवसरों को बढ़ाने के साधन के रूप में भी प्रस्तावित किया गया है।
चयन मानदंड में राहत नहीं मिलेगी
युवाओं के लिए सशस्त्रत्त् बलों के साथ यह एक स्वैच्छिक जुड़ाव होगा। हालांकि, चयन मानदंड में कोई कमी नहीं की जाएगी। एक टूर ऑफ ड्यूटी अधिकारी प्रति माह लगभग 80,000 से 90,000 रुपये कमाएगा।
नागरिक सेवाओं में नियुक्ति में वरीयता
इस सेवा से मुक्त सैनिकों को नागरिक सेवाओं में नियुक्ति में वरीयता दी जाएगी। कई कॉरपोरेट्स ने ‘अग्निवीर’ की सेवाओं का लाभ उठाने में रुचि दिखाई है, क्योंकि उन्हें सैन्य-प्रशिक्षित, अनुशासित जनशक्ति से लाभ मिलेगा।