बेमेतरा। नांदघाट पुलिस ने 28 फरवरी को गिधवा पक्षी विहार के पास मिली जली हुई लाश की गुत्थी सुलझा ली है। इस हत्या के मामले में पुलिस ने दो आरोपी को गिरफ्तार किया है।

पुलिस के अनुसार जली हुई लाश की पहचान खरसोला थाना सरगांव जिला मुंगेली निवासी रंजीत कुमार बर्मन उम्र 17 साल 10 माह से हुई थी। इस मामले में रंजीत के पिता सुखनंद प्रसाद ने नांदघाट में एफआईआर दर्ज कराई थी। मामले को लेकर पुलिस की जांच चल रही थी। जांच के दौरान मृतक के परिजन ने बताया कि मृतक रंजीत वर्मन पड़ोस के गांव बावली के गोविंद कौशिक की लड़की के साथ दोनों एक दूसरे से मोबाइल पर बात करते थे। एक माह पूर्व मृतक रंजीत बर्मन अपने परिजनों को बताया था कि लड़की के पिता गोविंद कौशिक द्वारा धमकी दी गई कि तुम छोटी जाति के हो, मेरी लड़की का पीछा छोड़ दो। नहीं तो तुम्हें खत्म कर दूंगा। इसी आधार पर पुलिस ने गोविंद कौशिक से कड़ाई से पूछताछ की। आरोपी गोविंद कौशिक पिता रामकुमार कौशिक(45) व हत्या में शामिल एक अन्य आरोपी देव प्रसाद कौशिक उर्फ देवी पिता नरेन्द्र कौशिक (39) निवासी बावली थाना सरगांव जिला मुंगेली को गिरफ्तार किया है।

पुलिस के अनुसार आरोपी गोविंद कौशिक 26 फरवरी को भागवत कार्यक्रम में शामिल होने ग्राम पिपरलोड़ गया था। वापस अपने घर ग्राम बावली आने के दौरान रंजीत बर्मन गांव की एक बाड़ी में दिखा। इसी दौरान गोविंद ने रंजीत को पकड़ लिया व दोनों हाथ को पीछे से बांध दिया। इसके बाद मारपीट करते हुए गला दबाकर हत्या कर दी।

घटना के संबंध में आरोपी ने अपने चचेरे भाई को जानकारी दी और घर लौट आया। फिर शाम 6.30 बजे फोन से बात कर देवप्रसाद कौशिक को अपने घर बुलाया। दोनों भाई योजना बनाकर रात करीब 11-12 बजे अपनी इनोवा कार क्रमांक सीजी 04 एचए 9200 में रंजीत बर्मन के लाश को रखकर पिपरलोड़-पुटपुरा होते हुए गिधवा बांध के पास आए और लाश को गाड़ी से उतार कर रोड के किनारे रखे धान पैरावट में रख दिया। रंजीत की लाश को कोई पहचाने न इस कारण जला दिया। इसके बाद जली हुई लाश 28 फरवरी को मिली थी। वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपियों को डर था कि पुलिस उन तक पहुंच सकती है। यहीं कारण है कि आरोपियों ने वारदात के सबूत को जला दिए। रंजीत के गले में एक मेटल बाजारू चैन थी, चैन से रंजीत की पहचान होने का खतरा था। इस लिए उसकी चैन को शव के जलाने से पहले निकाल कर कार के पीछे की डिक्की में छुपा कर रखा दिया। मृतक के चप्पल को शव के पास पुलिया के नीचे फेंक दिया। पर्स और मोबाइल को भी जला दिया गया।

पुलिस ने इस मामले में आरोपी गोविंद कौशिक की आपराधिक बैकग्राउंड का पता किया है। इसमें आरोपी के खिलाफ विभिन्न थानों में दर्जनों आपराधिक प्रकरण दर्ज है। सबसे ज्यादा मामले शराब तस्करी के है। वह बलवा, मारपीट समेत अन्य आपराधिक गतिविधि में शामिल रहा चुका है। अब वर्तमान में नांदघाट पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ धारा 302, 201 के तहत मामला दर्ज किया है। शनिवार को आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से रिमांड पर जेल भेज दिया गया है।

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