भिलाई [न्यूज़ टी 20] यूक्रेन पर रुस न तो नरम पड़ा है और न ही वह पीछे हटने वाला है। रूस ने जिस प्रकार पश्चिमी देशों को चेतावनी दी है, उससे स्पष्ट है कि वह इस युद्ध को अंजाम तक पहुंचाकर ही दम लेगा।

रक्षा विशेषज्ञ लेफ्टनेंट जनरल राजेंद्र सिंह ने यह बात कही। राजेंद्र सिंह ने कहा, रूस की शुरू से ही नागरिकों को कम से कम नुकसान पहुंचाने की रणनीति रही है। इसलिए वह धीरे-धेरे लड़ रहा है।

रूस इस युद्ध को एक ऑपरेशन के रूप में संचालित कर रहा है। रूस का खुद भी यही कहना है। रूस यह मानता है कि यूक्रेन में रहने वाले ज्यादातर लोग वैसे ही हैं, जैसे रूस में हैं।

पूर्वी व दक्षिणी हिस्सों पर कब्जे की कोशिश

राजेंद्र सिंह ने कहा, रूस ने जिस प्रकार से पूर्वी और दक्षिणी हिस्से पर ध्यान केंद्रीत किया हुआ है, उसकी कोशिश यहां पर काबिज होने की है। संभव है कि पूर्वी यूक्रेन को वह पूरी तरह से अपने कब्जे में ले लेगा।

इससे रूस और यूक्रेन के बीच एक बफर जोन बन जाएगा, जिससे भविष्य में नाटो सेनाओं के खतरे को न्यूनतम करने में मदद मिल सकती है।

यूक्रेन को नाटो पर अब भी भरोसा

रक्षा विशेषज्ञ ने कहा, यूक्रेन के रुख से यह स्पष्ट है कि वह अब भी नाटो देशों पर भरोसा कर रहा है। यूक्रेन को नाटो से मदद की उम्मीद बनी हुई। लेकिन इससे उसे को कोई खास फायदा नहीं होगा।

उसकी ताकत खत्म हो चुकी है और आज सिर्फ जमीनी लड़ाई में ही उसके पास मुकाबला करने की क्षमता शेष रह गई है। लेकिन यह भी ज्यादा समय तक टिक नहीं पाएगी।

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