सरगुजा। सरगुजा जिले में चल रहे मैनपाट महोत्सव के आखिरी दिन स्मृति चिन्ह नहीं मिलने से कांग्रेस नेताओं का गुस्सा फूट गया। नेता इतने नाराज हो गए के वे सभी कार्यक्रम स्थल के बाहर ही गेट के पास बैठकर हंगामा करने लगे। उनका कहना था कि हम बाहरी लोगों से एकदम त्रस्त हैं। इनके कारण हमें मान सम्मान ही नहीं मिलता। हमारी लगातार उपेक्षा की जा रही है नेताओं ने साफ शब्दों में कहा है कि यदि हमारी बात नहीं सुनी जाती है तो हम अगली बार से इस महोत्सव को होने ही नहीं देंगे। कार्यक्रम का बहिष्कार किया जाएगा।
मैनपाट महोत्सव का रविवार को आखिरी दिन था। इसी वजह से यहां सुबह से ही सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा था। इस कार्यक्रम में शामिल होने स्थानीय कांग्रेस नेता पहुंचे हुए थे। बताया गया कि कुछ देर कार्यक्रम में बैठने के बाद सभी बाहर गेट के पास आकर जमीन पर बैठ गए और नारेबाजी करने लगे। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि हम यहां के लोकल हैं। फिर भी प्रशासन ध्यान ही नहीं देता। उनका आरोप था कि कार्यक्रम में बांटे गए स्मृति चिन्ह भी देख देखकर दिए जा रहे थे। नेताओं ने आरोप लगाया कि हमें तो चिन्ह दिया ही नहीं गया। बल्कि जो लोग बाहर से आए थे उन्हें दिया जा रहा था। इतना ही नहीं हमें बैठने तक की जगह नहीं दी गई। हम यहां के रहने वाले हैं, चुनाव में हम ही लोग यहां काम करते हैं। क्या ये बाहरी लोग चुनाव के समय आकर यहां काम करेंगे।
विरोध कर रहे कांग्रेस नेता और जनपद सदस्य दुदनाथ यादव ने कहा कि हम भी जनता के चुने हुए लोग हैं। जनता हमसे पूछती है कि आप वहां मंच पर क्यों नहीं बैठे थे। हमारे पास जवाब ही नहीं होता है। प्रशासन की लापरवाही के चलते हमारा किसी जगह पर नाम ही नहीं है। हमारा कहीं भी सम्मान ही नहीं किया जा रहा है। ये ठीक नहीं है। जब कांग्रेस नेताओं के नाराज होने की खबर लगी तो मंत्री अमरजीत भगत मौके पर पहुंचे थे। जिसके बाद उन्होंने नेताओं को जमीन से उठाया और उन्हें शांत कराया। तब जाकर उनका गुस्सा शांत हुआ है। वहीं महोत्सव में शामिल होने पहुंचे जिले के प्रभारी मंत्री डॉ. शिव डहरिया ने कहा कि कहीं किसी की उपेक्षा नहीं हुई है। कोई नाराज नहीं है।