भिलाई [न्यूज़ टी 20] दुर्ग/ राज्य में बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर जिले में काम शुरू हो गया है। इसके लिए हर तिमाही में मेगा प्लेसमेंट ड्राइव चलाई जाएगी। इसके अंतर्गत बड़े प्लेसमेंट कैंप का आयोजन होगा। इसमें स्थानीय नियोक्ता तो होंगे ही, दूसरे राज्यों के नियोक्ताओं के साथ भी संपर्क किया जाएगा।
कलेक्टर पुष्पेंद्र मीणा ने आज रोजगार मिशन के संबंध में महत्वपूर्ण बैठक ली। बैठक में कलेक्टर ने रोजगार मिशन के अंतर्गत बड़े पैमाने पर लोगों को रोजगार दिलाने आवश्यक रणनीति पर चर्चा की। बैठक में कलेक्टर ने कहा कि हमें स्थानीय स्तर पर नियोक्ताओं के साथ लगातार संपर्क में रहना है।
साथ ही रोजगार प्रदान करने वाले शहर के महत्वपूर्ण केंद्र जैसे पुणे, बंगलूरू, हैदराबाद आदि में भी नियोक्ताओं के साथ संपर्क करना है। उन्होंने कहा कि इसके लिए उपसंचालक जनशक्ति नियोजन के समन्वय में एनयूएलएम की टीम काम करें। महाविद्यालय, पालीटेक्निक और आईटीआई की प्लेसमेंट कमिटी सक्रियता से आप्शन की तलाश करें।
स्थानीय स्तर पर सभी उद्योगों से और बड़े संस्थानों से मिले ही, बाहर भी रोजगार के अवसरों पर विचार करें। कलेक्टर ने बताया कि पिछले वर्ष मर्सिडीज बेंज पुणे ने बड़े पैमाने पर स्थानीय युवकों को लिया था। नियोक्ताओं को भी हुनरमंद युवाओं की तलाश रहती है।
हमें इनकी पहचान कर इन्हें नियोक्ताओं से मिलाना है। इस दौरान उपसंचालक जनशक्ति नियोजन राजकुमार कुर्रे भी मौजूद थे। ऐसे युवाओं का सर्वे होगा जिनका प्लेसमेंट अब तक नहीं- कलेक्टर ने कहा कि कोविड की वजह से पिछले दो सालों में कहीं कहीं प्लेसमेंट नहीं हो पाया। इसके साथ ही कुछ युवक प्लेसमेंट से चूक गये होंगे।
ऐसे लोगों का चिन्हांकन शैक्षणिक संस्थाओं की प्लेसमेंट एजेंसी को करना है। उन्होंने एनयूएलएम की टीम को स्थानीय स्तर पर भी व्यापक सर्वे करने कहा। कलेक्टर ने कहा कि स्थानीय स्तर पर भी हुनरमंद युवाओं की जरूरत होती है लेकिन समन्वय के अभाव में नियोक्ता और रोजगार के इच्छुक युवाओं के बीच आपस में संपर्क नहीं हो पाता।
निगम आयुक्तों से संपर्क कर इसके लिए व्यापक पड़ताल करें। ताकि इस संबंध में टैलेंटपुल और इनकी संभावनाओं के लिए उपयुक्त जगह दोनों का पता लगाया जा सके। दिव्यांगों के रोजगार के लिए होगी विशेष पहल- कलेक्टर ने कहा कि सबसे ज्यादा परेशानी का सामना दिव्यांगजनों को करना होता है। इनके लिए काम की तलाश सबसे प्रमुख है।
एनयूएलएम के अधिकारी देखें कि कौन से ऐसे काम हैं जिन्हें दिव्यांगजन आसानी से कर सकते हैं। पढ़े लिखे दिव्यांगजनों की सूची बनाना और उनके मुताबिक काम उपलब्ध कराना प्राथमिकता का काम होगा। एनआईटी, आईआईटी, आईआईएम का प्लेसमेंट सेल जिस तरह से काम करता है उस तरह के काम का दिया जाएगा।
प्रशिक्षण- कलेक्टर ने कहा कि एनआईटी रायपुर, आईआईटी और आईआईएम में प्लेसमेंट एजेंसियां जिस तरह से काम करती हैं उस तरह का पैटर्न फालो करने से प्लेसमेंट एजेंसियां अपने छात्रों के लिए रोजगार के काफी सारे अवसर मुहैया करा सकती हैं। इस पैटर्न के लिए इन नामी संस्थाओं के प्लेसमेंट विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षण उपलब्ध कराया जाएगा।
रीपा में पैदा होंगी बड़ी संभावनाएं- कलेक्टर ने कहा कि ग्रामीण औद्योगिक क्षेत्रों को रोजगार के बड़े अवसरों के लिए तैयार किया जाएगा। जिस तरह से सांकरा में काम हो रहा है उसी प्रकार क्लस्टर बनाकर औद्योगिक क्षेत्र अपने आसपास के क्षेत्रों में वस्तुओं की आपूर्ति कर सकेंगे।
स्कूल, हास्टल आदि की डिमांड रीपा के माध्यम से ही पूरी हो सकेगी। अच्छा काम करने वाली एजेंसियों का प्लेसमेंट फेस्ट में होगा सम्मान- कलेक्टर ने बैठक में कहा कि रोजगार जुटाना और अच्छे अवसर उपलब्ध कराना काबिले तारीफ काम होता है।
इस क्षेत्र में जो भी अच्छा कार्य करेंगे, उन्हें सम्मानित किया जाएगा। प्लेसमेंट फेस्ट में ऐसे अधिकारियों का सम्मान किया जाएगा जिन्होंने रोजगार सृजन के क्षेत्र में अच्छा कार्य किया है।