रायगढ़। जिले के चक्रधरनगर पुलिस द्वारा ऑनलाइन फ्राड के केस में त्वरित कार्रवाई करते हुए मामले में पीड़ित व्यक्ति की भांजी को गिरफ्तार किया गया है जो उसके मामा (पीड़ित) के बैंकिग के लिये रजिस्टर्ड मोबाइल सिम का दुरूपयोग कर UPI के माध्यम से ऑनलाइन रूपये अपने परिचितों को ट्रांसफर करती थी और बाद में उनसे रूपये ले लिया करती थी। खास बात यह है कि UPI के माध्यम से ऑनलाइन रूपये ट्रांजेक्शन करना युवती यू ट्यूब से देखकर सीखना बताती है। धोखाधड़ी के आरोप में चक्रधरनगर पुलिस द्वारा JMFC रायगढ़ के न्यायालय रिमांड पर भेजा गया है।
जानकारी के अनुसार लोक निर्माण विभाग उप संभाग रायगढ में स्थल सहायक के पद पर पदस्थ वेणुधर दास वैष्णव पिता गणेश दास वैष्णव (उम्र 50 साल) निवासी बाजार पारा थाना तमनार द्वारा दिनांक 26.04.2022 को थाना चक्रधरनगर में आकर भारतीय स्टेट बैंक शाखा चक्रधरनगर के बचत बैंक खाता से दिनांक 17/08/21 से 21/10/2021 के बीच खाते से कुल रकम 3,53,776/ रूपये अज्ञात व्यक्ति द्वारा ऑन लाईन अनाधिकृत रूप से आहरण कर ठगी करना बताया गया।
पीड़ित वेणुधर दास वैष्णव थाना चक्रधरनगर में रिपोर्ट दर्ज कराया कि जिस खाते में वेतन आता है, उस बैंक एकाउन्ट में रजिस्ट्रर्ड मोबाइल नम्बर मोबाईल सेट सहित गुम हो गया था । दिनांक 22/10/2021 को जब बैंक पैसा निकालने गया तो कैशियर बताया कि उक्त बैंक खाते से दिनांक 17/08/21 से 21/10/2021 के बीच विभिन्न तारिखों में किस्तों से कुल 3,53,776/ रूपये आनलाईन अज्ञात व्यक्ति द्वारा अनाधिकृत रूप से आहरण कर धोखाधडी कर ठगी किया है । थाना चक्रधरनगर में अज्ञात आरोपी पर अप.क्र. 256/2022 धारा 420 IPC का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया । थाना प्रभारी चक्रधरनगर निरीक्षक अभिनव कांत सिंह द्वारा वरिष्ठ अधिकारियों को ऑनलाइन ठगी से अवगत कराया गया जिस पर सीएसपी योगेश कुमार पटेल द्वारा साइबर सेल, बैंक की मदद से तत्काल पीड़ित के रूपये जिन गेटवे के माध्यम से ट्रांसफर किये गये हैं, उन्हें होल्ड कराया जावे।
धोखाधड़ी की जांच में संलग्न थाना चक्रधरनगर के प्रधान आरक्षक सतीश पाठक द्वारा साइबर सेल व बैंक से सम्पर्क कर तत्काल कई गेटवे को होल्ड कराया गया तथा दिनांक 17/08/21 से 21/10/2021 के बीच जिन गेटवे के माध्यम से रूपये जिन्हें ट्रांसफर किया गया है, उनसे सम्पर्क किया गया, जिस पर जुटमिल क्षेत्र का युवक भी कुछ रूपये प्राप्त किया था जिससे हिक्मत अमली से पूछताछ करने पर तमनार की युवती द्वारा रूपये उसके खाते में ट्रांसफर करना बतायी। ततकाल प्रधान आरक्षक सतीश पाठक हमराह स्टाफ के तमनार रवाना हुये जहां पहले प्रार्थी/पीड़ित से मिलकर उसे युवती के बारे में बताये तो वह दंग रहा गया और बताया कि युवती प्रभाती बैरागी उसकी भांची है। चक्रधरनगर पुलिस द्वारायुवती को हिरासत में लेकर थाना लाये जिसने अपने मेमोरंडम बयान में धोखाधड़ी का खुलासा किया गया।
आरोपिया प्रभाती बैरागी पिता गोविंद दास वैष्णव उम्र 20 वर्ष निवासी बाजार पारा तमनार थाना तमनार बताई कि पिछले साल उसे उसके मामा वेणुधार दास वैष्णव का मोबाइल सिम मिला, उसने यूट्यूब, इंटरनेट के माध्यम से यूपीआई का उपयोग कर पैसा ट्रांसफर करना सीखी जिसके बाद रजिस्टर्ड मोबाइल सिम का अपने मोबाइल सेट में उपयोग कर दूसरे अकाउंट में पैसा ट्रांसफर करने लगी और कई बार दुकानों में बार कोड का इस्तेमाल कर शॉपिंग भी की। इस तरह वह उसके मामा को धोखे में रखकर पकड़े जाने के डर से रजिस्टर्ड सिम का उपयोग कर अपने परिचितों को रुपए भेजती और बाद में उनसे रुपए प्राप्त कर लेती थी। चक्रधरनगर पुलिस द्वारा मामले को गंभीरता से लेकर तत्काल कार्रवाई कर आरोपिया को अपराध कायमी के 24 घंटे के भीतर धोखाधड़ी के अपराध में गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेजा गया है। चक्रधरनगर पुलिस द्वारा जानकारी के बाद तत्काल एकाउंट पर होल्ड कराया गया है जिससे पुलिस को उम्मीद है कि कुछ रुपये बरामद हो जायेगा। सम्पूर्ण कार्रवाई में टीआई अभिनवकांत सिंह, उप निरीक्षक दिनेश बोहिदार, प्रधान आरक्षक सतीश पाठक, लोमस राजपूत एवं महिला आरक्षक दोरनसिया किण्डो की सराहनीय भूमिका रही है।