देहरादून। बुजुर्ग व महिलाओं का एटीएम कार्ड बदलकर उनके बैंक खाते से धनराशि निकालने वाले अंतरराज्यीय गिरोह का देहरादून की रायपुर थाना पुलिस ने पर्दाफाश कर दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जबकि एक फरार है।इनमें दो आरोपी हरियाणा यमुनानगर व पलवल और एक आरोपी टिहरी गढ़वाल का रहने वाला है। आरोपियों से 30 हजार रुपये, 61 एटीएम कार्ड बरामद किए गए हैं। एक आरोपी के खाते में 30 हजार रुपये फ्रीज किए गए हैं।
पत्रकारों से वार्ता में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दलीप सिंह कुंवर ने बताया कि 12 अक्टूबर को रायपुर क्षेत्र में दो महिलाओं व एक बुजुर्ग का एटीएम कार्ड बदलकर उनके बैंक खातों से धनराशि निकालने की घटनाएं सामने आई थीं। रायपुर थाना पुलिस ने इन मामलों में अज्ञात के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया। जांच के दौरान थानाध्यक्ष मनमोहन नेगी व एसएसआई आशीष रावत ने जब एटीएफ बूथों के अंदर व आसपास लगे सीसीटीवी कैमरे खंगाले तो उसमें संदिग्धों की फोटो व एक कार दिखाई दी। कार की लोकेशन जानने के लिए 42 सीसीटीवी कैमरे खंगाले गए। इसके बाद कार का नंबर पता लगा और आरोपी सुनील मेहरा निवासी ग्राम धौड़गी देवप्रयाग टिहरी गढ़वाल वर्तमान निवासी पित्थूवाला देहरादून, सौहार्द उर्फ मुन्ना निवासी ग्राम लेढी छछरौली जिला यमुनानगर हरियाणा को गिरफ्तार किया गया। तीसरा आरोपी पलवल हरियाणा निवासी इम्मा फरार चल रहा है।
पूछताछ में आरोपी सुनील मेहरा ने पुलिस को बताया कि वह पहले बिहारीगढ़ में एक स्टोन क्रशर में काम करता था, जहां उसकी मुलाकात सौहार्द उर्फ मुन्ना से हुई। इसके बाद सुनील मेहरा देहरादून आ गया और यहां टैक्सी चलाने लगा।
कुछ समय पहले सौहार्द भी सुनील से मिलने के लिए देहरादून आ गया। सौहार्द पहले दिल्ली में एक काल सेंटर में काम करता था और उसके साथ इम्मा भी काम करता था। इम्मा पहले एटीएम कार्ड बदलकर धनराशि निकालने के मामले में जेल जा चुका है, वह भी सौहार्द से मिलने देहरादून आया तो तीनों ने एटीएम कार्ड बदलकर धोखाधड़ी करने की योजना बनाई। गिरोह का मास्टरमाइंड सौहार्द व इम्मा हैं। उन्होंने सुनील को एटीएम बूथों की लोकेशन दिखाने के अपने साथ शामिल किया था। 12 अक्टूबर को तीनों सुनील की कार से अलग-अलग एटीएम पहुंचे और दो महिलाओं व एक बुजुर्ग को अपना शिकार बनाया। 13 अक्टूबर को वह ऋषिकेश गए, जहां एक बुजुर्ग से ठगी की। सौहार्द के विरुद्ध हरियाणा व उत्तराखंड में 10 मुकदमे तो सुनील मेहरा के विरुद्ध चार मुकदमे दर्ज हैं। इम्मा के आपराधिक इतिहास का पता लगाया जा रहा है। थानाध्यक्ष रायपुर मनमोहन नेगी ने बताया कि आरोपित पहले एटीएम के बाहर रेकी करते हैं। वह देखते हैं कि एटीएम से यदि महिला या बुजुर्ग धनराशि निकाल रहे हैं तो वह उनके पीछे खड़े हो जाते हैं और किसी तरह पिन नंबर देख लेते हैं। इसके बाद मदद के नाम पर उनके एटीएम कार्ड बदल लेते हैं और नजदीकी एटीएम में जाकर तुरंत धनराशि निकाल लेते हैं। बैंकों ने अब एक दिन में धनराशि निकालने की सीमा निर्धारित की है। ऐसे में आरोपित खाते से रकम आनलाइन ट्रांसफर कर लेते हैं।