रायपुर / मनरेगा के अंतर्गत वृक्षारोपण कार्यों में राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (एसआरएलएम) के क्लस्टर संगठन पीआईए (Project Implementation Agency) के रूप में काम करेंगे। इसके लिए क्लस्टर संगठन की महिलाओं और राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के मैदानी अधिकारियों को निमोरा स्थित ठाकुर प्यारेलाल
राज्य ग्रामीण विकास प्रशिक्षण संस्थान (SIRD) में ‘प्रदान’ संस्था के तकनीकी सहयोग से प्रशिक्षण दिया जा रहा है। राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (बिहान) और मनरेगा द्वारा प्रशिक्षण के लिए इस चार दिवसीय विशेष कार्यशाला का आयोजन किया गया है।
केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के अनुसार मनरेगा के माध्यम से वृक्षारोपण कार्यों में राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत गठित क्लस्टर संगठन पीआईए के रूप में काम करेंगी। क्लस्टर संगठनों द्वारा नर्सरी रोपण,
सड़क व नहर किनारे वृक्षारोपण एवं ब्लॉक प्लांटेशन के काम किए जाएंगे। इससे विकास कार्यों में महिलाओं की सहभागिता और दायित्व दोनों बढ़ेंगे। वृक्षारोपण कार्यों में पीआईए के रूप में श्रमिकों का प्रबंधन तथा सामग्री की व्यवस्था व इसके भुगतान का काम क्लस्टर संगठनों द्वारा किया जाएगा।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में ‘बिहान’ के मिशन संचालक अवनीश कुमार शरण एवं मनरेगा कमिश्नर मोहम्मद कैसर अब्दुलहक ने क्लस्टर प्रतिनिधियों को पी.आई.ए. के दायित्वों के बारे में विस्तृत जानकारी दी।
‘बिहान’ की मुख्य संचालन अधिकारी (COO) श्रीमती एलिस लकड़ा, मनरेगा के विनय गुप्ता एवं ‘प्रदान’ संस्था के मनोज कुमार ने भी प्रतिभागियों को मार्गदर्शन दिया ।
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत गठित क्लस्टर संगठनों को वृक्षारोपण के लिए मनरेगा पीआईए के रूप में कार्य किए जाने हेतु 1 जून से 4 जून तक आयोजित कार्यशाला के पहले दिन नौ जिलों रायपुर, महासमुंद, दुर्ग, बालोद, गरियाबंद,
बलौदाबाजार-भाटापारा, बेमेतरा, बिलासपुर और मुंगेली के क्लस्टर संगठनों के पदाधिकारियों और राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के मैदानी अधिकारियों को प्रशिक्षित किया गया। इस दौरान उन्हें वृक्षारोपण के लिए नर्सरी तैयार करने,
मस्टर-रोल, कार्ययोजना, प्राक्कलन, मांग तैयार करने हितग्राहियों के चयन और एम.आई.एस. में एंट्री इत्यादि के बारे में जानकारी दी गई।
कार्यशाला के दूसरे दिन आज कांकेर, राजनांदगांव, कबीरधाम, धमतरी और रायगढ़ के क्लस्टर संगठनों व अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। 3 जून को कोरबा, जांजगीर-चांपा, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही,
कोंडागांव, बस्तर और नारायणपुर तथा 4 जून को बीजापुर, सुकमा, दंतेवाड़ा, कोरिया, जशपुर, सूरजपुर, बलरामपुर-रामानुजगंज और सरगुजा के क्लस्टर संगठनों एवं अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। चार दिवसीय कार्यशाला में 89 सीएलएफ सहित कुल 323 प्रतिभागियों को प्रशिक्षित किया जाएगा।