कवर्धा। भोरमदेव मंदिर के सामने नारियल बेचने वाली महिला और उसकी बेटी की पिटाई कर दी गई।पीड़ित शिकायत करने थाने गई तो पुलिस ने दुत्कार कर भगा दिया। इसे लेकर विश्व हिंदू परिषद (विहिप) और समाज विशेष के लोगों ने थाने में जमकर बवाल मचाया। तब जाकर पुलिस ने एफआईआर लिखी और तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा।
एफआईआर के अनुसार महिला रोज की तरह मंदिर के बाहर अपनी बेटी के साथ दुकान लगा रही थी, तभी आराेपी जुबीन खान निवासी ग्राम घोंघा थाना बाेड़ला अपने साथियों के साथ वहां पहुंचा और दुकान हटाने के लिए महिला पर दबाव बनाया। इनकार करने पर महिला की पिटाई शुरू कर दी। बीच- बचाव करने आये पीड़ित महिला के पति व उसकी बेटी से भी मारपीट की गई। पीड़ित
परिवार मदद के लिए चिल्लाते हुए अपने घर की तरफ भागे। आरोपियों ने वहां भी उनका पीछा नहीं छोड़ा और घर में घुसकर तीनों की पिटाई की।
मारपीट के बाद पीड़ित परिवार कुछेक ग्रामीणों को साथ घटना की शिकायत करने थाने पहुंचे। तब थाने में उपस्थित पुलिसकर्मी ने पीड़िताें को दुत्कारते हुए भगा दिया। जब वे वापस अपनी दुकान पर पहुंचे, तब भी आरोपी वहां आए और थाने में शिकायत न करने के लिए धमकाया। इस बात की जानकारी मिलने पर विहिप और समाज विशेष के लोग थाने पहुंच गए और पुलिस की कार्यप्रणाली को कोसते हुए जमकर हंगामा किया। हंगामें के दौरान थाने के अंदर मौजूद भीड़ मंत्री के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। पुलिस समझाने की कोशिश कर रही थी, लेकिन लोग माने नहीं। इस पर बोड़ला, कवर्धा व अन्य थानों से पुलिस बल बुलवाना पड़ा। मौके पर पहुंची पुलिस बल ने भीड़ को थाना परिसर से बाहर निकाला।
थाने में हंगामा और विरोध के बाद पुलिस ने कुछ सक्रियता दिखाई। मामले में आरोपी जुबीन खान और उसके दो अन्य साथियों के खिलाफ धारा 294, 323, 34, 354, 452, 506, एट्रोसिटी एक्ट 3(2)(वी) के तहत एफआईआर दर्ज किया। उसके बाद तीनों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है। एएसपी मनीषा ठाकुर का कहना है एफआईआर दर्ज कर आरोपियों को जेल भेजा है। मामले की विवेचना जारी है।
पीड़ित परिवार का कहना है कि मंदिर परिसर में दुकान लगाने शुल्क लिया जाता है। पंचायत की ओर से शुल्क लिया जाता है। आरोप है कि सरपंच पति आरोपियों के साथ मिला हुआ है। सरकारी रसीद बुक से आरोपी ही अवैध वसूली करते हैं। विरोध करने पर धमकाया जाता है। मार्च 2021 में भी पीड़ित परिवार ने आरोपियों के खिलाफ लिखित में शिकायत की थी, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की थी।