भिलाई [न्यूज़ टी 20] महंगाई में हो रही तेज बढ़ोतरी के कारण भारतीय रिजर्व बैंक अगस्त की बजाय जून में ही रेपो रेट में बढ़ोतरी कर सकता है. समाचार एजेंसी रॉयटर्स के एक पोल के मुताबिक भारत के केंद्रीय बैंक पर महंगाई को काबू में करने के लिए जल्दी से कदम उठाने का दबाव है.
मार्च महीने में खुदरा महंगाई दर 7 फीसदी के करीब पहुंच गई थी. ये आरबीआई द्वारा निर्धारित टारगेज रेंज 6 फीसदी से ज्यादा थी. रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद ईंधन की कीमतों में भारी बढ़ोतरी और अब इंडोनेशिया द्वारा पॉम ऑयल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने से खाद्य तेलों
की कीमतों के उछाल खाने से आगे महंगाई और बढ़ सकती है. अप्रैल में मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) ने ग्रोथ की जगह महंगाई पर अपनी ध्यान केंद्रित करने के बावजूद अप्रैल बैठक में प्रमुख नीतिगत दर को 4 फीसदी के स्तर पर ही बनाए रखा था.
अर्थशास्त्रियों के अनुसार, जल्द बढ़ेगी रेपो रेट
समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने 20 से 25 अप्रैल के बीच देश के 46 प्रमुख अर्थशास्त्रियों के बीच एक पोल कराया था. इनमें से 43 इकोनॉमिस्ट्स ने माना कि भारतीय रिजर्व बैंक 2018 के बाद पहली बार जून, 2022 में रेपो रेट में बढ़ोतरी कर सकता है. इनका मानना है कि आरबीआई 25 बेसिस प्वाइंट्स की बढ़ोतरी कर सकता है.
वहीं एक अर्थशास्त्री ने 50 बेसिस प्वाइंट्स की बढ़ोतरी होने का अनुमान जताया है. कुछ सप्ताह पहले रॉयटर द्वारा किए गए पोल में एक चौथाई अर्थशास्त्रियों ने जून में रेपो रेट में बढ़ोतरी की संभावना जताई थी. पोल में शामिल ज्यादातर इकोनोमिस्ट्स का मानना था.
कि रेपो रेट में बढ़ोतरी अगस्त में होगी. बारक्लेज के चीफ इंडिया इकोनॉमिस्ट राहुल बैजोरिया का कहना हे कि महंगाई में बढ़ोतरी को देखते हुए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया जून में रेपो रेट में बढ़ोतरी के चक्र को शुरू करेगी. वहीं संभावना जताई जा रही है कि आने वाली तिमाहियों में दरों में बढ़ोतरी होगी.
2022 के अंत तक रेपो रेट 4.75 फीसदी और 2023 के अंत तक 5.25 फीसदी के स्तर पर जा सकती है. सोसायते जनरली में इंडिया इकोनॉमिस्ट कुनाल कुंडू का कहना है कि जितने देर में कदम उठाए जाएंगे, आक्रामक रुख अपनाने की संभावनाएं उतनी ज्यादा बढ़ जाएंगी. आखिरकार आरबीआई काफी हद तक फेड रिजर्व की तरह कदम उठ सकता है.