भिलाई [न्यूज़ टी 20] छत्तीसगढ़ के जांजगीर जिले के पिहरीद गांव में बोरवेल में गिरे 10 साल के राहुल को 60 घंटे बाद भी बाहर निकालने में कामयाबी नहीं मिली है। रविवार को बोर में रोबोट उतारा गया था।
इसके बाद टेट्रा स्ट्रक्चर बनाकर बोर में उतारा गया, लेकिन रोबोट बच्चे को पकड़ने में कामयाब नहीं हो पाया। बच्चे के सोने की वजह से आगे का रेस्क्यू ऑपरेशन टाल दिया गया। सोमवार सुबह 5 बजे उसे केला और फ्रूटी दी गई।
बोरवेल के बगल में रविवार की शाम 50 फीट से ज्यादा गहरा गड्ढा खोद गया। वहां से राहुल 9 मीटर दूर है। उस तक पहुंचने के लिए सुरंग की खुदाई भी शुरू हो गई,
लेकिन बीच में बड़ी चट्टान आ गई। बताया जा रहा है कि अभी 10 फीट टनल खोदने का काम बाकी है। जिसमें कम से कम 5 घंटे से ज्यादा का वक्त लग जाएगा।
बड़ी ड्रिल मशीन से खुदाई नहीं कर सकते, कंपन का खतरा
बीच में चट्टान की वजह से रेस्क्यू टीम को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा रहा है। बड़ी ड्रिल मशीन का उपयोग भी नहीं किया जा रहा, क्योंकि इससे आसपास कंपन होने की संभावना है।
इससे राहुल को परेशानी हो सकती है। बाकी का काम छोटी ड्रिल मशीन और हाथी के खुदाई के जरिए किया जा रहा है। रात के वक्त राहुल सो गया था। उसका कुछ मूवमेंट समझ नहीं आ रहा था।
इस बीच सुबह करीब 5 बजे जब उसने मूवमेंट किया तो उसे खाने के लिए फ्रूटी और केले दिए गए। कलेक्टर जितेंद्र शुक्ला कैमरे से खुद बच्चे की निगरानी कर रहे हैं। देर रात तक मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी कलेक्टर से बातचीत करते रहे।
राहुल के साथ हादसा शुक्रवार हुआ था
राहुल साहू (10) का शुक्रवार दोपहर 2 बजे के बाद से कुछ पता नहीं चला। जब घर के ही कुछ लोग बाड़ी की तरफ गए तो राहुल के रोने की आवाज आ रही थी। गड्ढे के पास जाकर देखने पर पता चला कि आवाज अंदर से आ रही है।
बोरवेल का गड्ढा 80 फीट गहरा है। ये भी बताया गया है कि बच्चा मूक-बधिर है, मानसिक रूप से काफी कमजोर है। जिसके कारण वह स्कूल भी नहीं जाता था। घर पर ही रहता था।
पूरे गांव के लोग भी 2 दिन से उसी जगह पर टिके हुए हैं, जहां पर बच्चा गिरा है। राहुल अपने मां-बाप का बड़ा बेटा है। उसका छोटा भाई 2 साल छोटा है। पिता की गांव में बर्तन दुकान है।