भिलाई [न्यूज़ टी 20] चेन्नई / शासकीय कर्मचारियों के सेवानिवृत्ति आयु (Employees Retirement Age) को बढ़ाने की मांग तेज हो गई है। इसी बीच कई मामले हाई कोर्ट (High court) भी पहुंचे हैं। कोर्ट ने हालांकि विभिन्न राज्य में सेवानिवृत्ति आयु को खारिज करते हुए इसे राज्य सरकार का मामला करार दिया है।

इसी बीच फेडरेशन ऑफ यूनिवर्सिटी फैकेल्टी एसोसिएशन की मांग पर प्रोफेसर की सेवानिवृत्ति आयु 60 वर्ष से बढ़ाकर 62 या 65 वर्ष करने की अपील की गई है।तमिलनाडु फेडरेशन ऑफ यूनिवर्सिटी फैकेल्टी एसोसिएशन ने राज्य सरकार से शासन के द्रविड़ मॉडल के प्रति

एवं के रूप में कल्लूरी और नान मुधलवानी को जारी रखते हुए विश्वविद्यालय और शोध संस्थान के प्रोफेसर की सेवानिवृत्ति आयु को बढ़ाने की मांग कर दी है। दरअसल तमिलनाडु फेडरेशन ऑफ यूनिवर्सिटी फैकेल्टी एसोसिएशन की बैठक की अध्यक्षता में अध्यक्ष के कृष्णमूर्ति ने सेवानिवृत्ति आयु के विस्तार की बात कही है।

उन्होंने कहा कि प्रोफेसर के सेवानिवृत्ति आयु को 65 वर्ष किया जाना चाहिए। इसकी बड़ी वजह देते हुए अध्यक्ष ने स्पष्ट किया कि विश्वविद्यालय के शिक्षकों की सेवा 35 से 45 वर्ष शुरू होती है। इसलिए शिक्षकों की सेवा सिर्फ 10 से 15 वर्ष के लिए उपलब्ध होते हैं।

अध्यक्ष ने कहा कि इससे पहले पिछले एआईएडीएमके सरकार द्वारा कर्मचारियों और शिक्षकों की सेवानिवृत्ति आयु को 58 से बढ़ाकर 60 वर्ष किया गया था। वही अब विश्व विद्यालय में शिक्षकों की संख्या 1500-2000 है। ऐसे में उन्हें सामाजिक न्याय नहीं मिल पा रहा और ना ही उनकी आवाज को सुना जा रहा है।

सेवानिवृत्ति उम्र बढ़ाने के लिए आंध्रप्रदेश तेलंगना कर्नाटक बिहार उड़ीसा और महाराष्ट्र सहित अन्य राज्यों द्वारा किए गए उपायों की तर्ज पर तमिलनाडु में भी प्रोफेसर के रिटायरमेंट आयु को 60 वर्ष से बढ़ाकर 62 वर्ष से 65 वर्ष करने पर विचार करने की सलाह दी गई है।

इसके अलावा अंशदाई पेंशन योजना के अंतर्गत सरकार का भुगतान नहीं होने पर भी बड़ी मांग की गई। दरअसल सेवानिवृत्त शिक्षकों की अभी तक सेवानिवृत्ति लालू का नेता न करने पर 3 वर्षों में अपनी सेवा पूरी करने के निर्देश दिए गए थे। वहीं अब तक उन्हें अनुरक्षण निधि के वेतन का भुगतान नहीं किया गया जिस पर भी सरकार से मांग की गई है।

माना जा रहा है कि तमिलनाडु में लगातार उठ रहे पेंशन आयु की मांग को लेकर जल्दी बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है वहीं प्रोफेसर के सेवानिवृत्ति आयु को दो से 5 वर्षों के लिए बढ़ाया जा सकता है हालांकि अभी तक सरकार की तरफ से इस पर किसी भी तरह की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।

ऐसे कुछ दिन पहले सेवानिवृत्ति आयु बढ़ाने की मांग केरल हाई कोर्ट पहुंची जिसे सिरे से नकारते हुए हाईकोर्ट ने कहा था कि सेवानिवृत्ति आयु बढ़ाने का मामला राज्य सरकार का है इसके लिए कई तरह के विकल्पों पर विचार अनिवार्य होते हैं जिसके बाद प्रोफेसर की सेवानिवृत्ति आयु बढ़ाने की याचिका को खारिज कर दिया गया था।

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