जशपुर। फर्जी दस्तावेज से जाति प्रमाण पत्र बनवा कर स्वास्थ्य विभाग में फर्मासिस्ट के पद पर नियुक्ति प्राप्त करने के फरार आरोपी को मनोरा पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
जानकारी के अनुसार स्वास्थ्य विभाग ने वर्ष 2012 में फार्मासिस्ट ग्रेड 2 के पद पर भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया था। भर्ती प्रक्रिया पूरी करने के बाद विभाग ने गिरफ्तार आरोपी तुलसी कुमार यादव, अफरोज मलिक खूंटे, कुमारी शशि टंडन, राधेश्याम कांत सहित एक अन्य का चयन किया था। स्वास्थ्य विभाग की यह पूरी नियुक्ति प्रक्रिया उस वक्त विवादों के घेरे में आ गई, जब कांसाबेल निवासी चंद्रकुमार ने शिकायत कर फर्जी निवास के आधार पर नौकरी प्राप्त करने का आरोप लगाया। मामले की जांच में तुलसी कुमार यादव का निवास प्रमाण पत्र रायगढ़ जिले के धरजयगढ़ तहसील न्यायालय द्वारा 17 जून 2003 को जारी होना पाया गया। इसके बाद आरोपी ने फर्जीवाड़ा करते हुए 25 अप्रैल 2012 को जशपुर जिले के पत्थलगांव तहसील से जारी निवास प्रमाण पत्र आवेदन के साथ लगा कर नौकरी हासिल कर ली। जांच के दौरान जब इस निवास प्रमाण पत्र का तहसील कार्यालय से प्रमाणीकरण कराया गया तो यह फर्जी पाया गया। इसी प्रकार आरोपी कु.शशि टंडन का मूल निवास जांजगीर जिला के भटगांव ब्लाक के बिलाईगढ़ का है, जो जशपुर तहसील से निवास प्रमाण पत्र पुनः जारी कराई है। आरोपी राधेश्याम कांत जो मूल निवासी कापू जिला रायगढ़ से है उसके द्वारा भी पुनः पत्थलगांव से निवास प्रमाण पत्र जारी कराया गया है। मामले में जशपुर पुलिस ने सभी आरोपियों के खिलाफ धारा 420, 468, 471, 34 के तहत पंजीबद्ध किया था। इस बहुचर्चित मामले में आरोपी कु.शशि टंडन, राधेश्याम कांत को पूर्व में गिरफ्तार किया जा चुका है। वहीं तुलसी यादव फरार चल रहा था। फरार आरोपी के रायगढ़ जिले के चरखापारा में होने की सूचना पर मनोरा पुलिस ने टीम ने छापामार कर आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में जेल दाखिल कर दिया है।