– ग्राम कौही में महाशिवरात्रि के मौके पर भगवान भोलेनाथ के दर्शन करने एवं विकास कार्यों का लोकार्पण भूमिपूजन करने पहुंचे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ग्रामीणों को किया संबोधित
– क्रेडा की 5 करोड़ 55 लाख रुपए तथा जल संसाधन विभाग की 52 करोड़ रुपए की विकास योजनाओं का किया लोकार्पण भूमिपूजन
दुर्ग / [न्यूज़ टी 20] अपनी नवाचार योजनाओं के माध्यम से छत्तीसगढ़ ने पूरे देश को रास्ता दिखाया है। अभी मैं उत्तर प्रदेश का दौरा कर रहा हूं वहां मैंने पाया है कि आवारा मवेशियों की समस्या बड़े पैमाने पर है और वहां भी छत्तीसगढ़ मॉडल पर विचार किया जा रहा है।
किसानों को अपने उत्पादों का उचित मूल्य दिए जाने का निर्णय जो छत्तीसगढ़ शासन ने किया है उसने पूरे देश में किसानों के मन में फसल के उचित दाम को लेकर आकांक्षा जगाई है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने यह बात ग्राम कौही में महाशिवरात्रि के अवसर पर श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कही।
मुख्यमंत्री ने इस मौके पर कहा कि नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी योजना के माध्यम से ग्रामीण विकास के क्षेत्र में एक नई पहल की गई है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में बड़े बदलाव हो रहे हैं। गोधन न्याय योजना के माध्यम से हम 8000 गौठान से 63 लाख क्विंटल गोबर खरीद चुके हैं और किसानों के खाते में 126 करोड़ रुपए की राशि पहुंच गई है। सरकार के लिए गए निर्णय से खेती किसानी आर्थिक रूप से बेहतर हो गई है।
कृषि के अलावा शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी सरकार द्वारा अहम कार्य किया जा रहा है। पूरे प्रदेश में 172 इंग्लिश मीडियम स्कूल खोले गए हैं इनमें से 6 स्कूल पाटन ब्लाक में ही है। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर प्रदेश के ग्रामीणों की प्रशंसा करते हुए कहा कि हमारे प्रदेश में किसान बहुत जागरूक हैं हमने पैरा दान का आह्वान किया और लोगों ने बड़ी संख्या में पैरा दान किया।
देशभर में पराली का संकट छाया हुआ है लेकिन हमने गौठान के माध्यम से इसके उचित उपयोग का रास्ता दिखाया। अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने कहा कि कौही में आज जो लिफ्ट इरिगेशन के माध्यम से तालाब भराई के कार्यों का लोकार्पण भूमि पूजन हुआ है उनके माध्यम से खेतों में सीधे सिंचाई के बजाय तालाबों में पानी भरा जाएगा और वहां से सिंचाई होगी।
इस प्रकार से होने वाली सिंचाई सामान्य सिंचाई की तुलना में 4 गुना अधिक प्रभावी होती है, उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि किसानों को अलग-अलग समय पर पानी की जरूरत होती है, इसके लिए तालाब भरे रहें ताकि आवश्यकता पड़ने पर किसानों को पानी दिया जा सके।
इस अवसर पर जिला पंचायत उपाध्यक्ष अशोक साहू एवं सभापति रमण टिकरिया भी उपस्थित थे। संभागायुक्त महादेव कावरे, आईजी ओपी पाल, कलेक्टर डॉ सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे एवं एसएसपी बद्री नारायण मीणा सहित अन्य अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
तालाब भराई योजनाओं का लोकार्पण-भूमिपूजन- इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कौही में जरवाय तथा तेलीगुण्डरा में तालाब भराई योजनाओं का लोकार्पण किया। इनकी लागत क्रमशः 87 लाख रुपये तथा 84 लाख रुपए है। इसके साथ ही उन्होंने खर्रा एवं तर्रीघाट में तालाब भराई योजनाओं का भूमि पूजन भी किया। इनकी लागत क्रमशः 89 लाख रुपये तथा 57 लाख रुपये होगी।
52 करोड़ रुपये की जलसंसाधन विकास योजनाओं का किया ।
लोकार्पण-भूमिपूजन – मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर केसरा उदवहन लागत 9 करोड़ 51 लाख रुपये, निपानी एनीकट 9 करोड़ 76 लाख रुपए की लागत से, किकिरमेटा उदवहन 13 करोड़ 53 लाख रुपये की लागत से, भरर जलाशय 2 करोड़ 73 लाख रुपए की लागत से, झाड़मोखली 2 करोड़ 37 लाख रुपए की लागत से तथा ग्राम डीघारी के निस्तारी तालाबों का 3 करोड़ 17 लाख रुपए की लागत से भूमि पूजन किया।
इसके साथ ही उन्होंने कुम्हली जलाशय के कार्यों का भूमि पूजन किया। किकिरमेटा जलाशय के मरम्मत के लिए दो करोड़ 99 लाख रुपये के कार्यों का भूमिपूजन तथा फ्लड प्रोटेक्शन के लिए दो करोड़ 87 लाख रुपये के कार्यों का भूमि पूजन किया। उन्होंने रानीतराई निरीक्षण गृह की फर्निशिंग तथा टेमरी निरीक्षण गृह के निर्माण का भूमि पूजन भी किया।