भिलाई / [न्यूज़ टी 20] Symptoms of prostate cancer: कैंसर का नाम सुनते ही मन में डर बैठ जाता है. कई तरह के कैंसर होते हैं, जो बेहद खतरनाक होते हैं. यदि इनका शुरुआत में ही इलाज ना करवाया जाए, तो व्यक्ति की मौत हो जाती है.

पुरुषों में भी कैंसर पहले से काफी अधिक हो रहे हैं. पुरुषों में कई तरह के कैंसर होते हैं, जिसमें प्रोस्टेट कैंसर प्रमुख है. यह अब धीरे-धीरे कॉमन होता जा रहा है और दुनिया भर में इससे पुरुषों की सबसे अधिक मौतें भी होती हैं.

क्या है प्रोस्टेट

एक्सप्रेस डॉट को डॉट यूके में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार, प्रोस्टेट एक अखरोट की आकार का ग्लैंड होता है, जो ब्लैडर के नीचे मौजूद होता है. यह यूरेथ्रा के पहले हिस्से से घिरा होता है. मूत्रमार्ग वह ट्यूब होती है, जो मूत्राशय से पेशाब को लिंग तक ले जाती है.

आमतौर पर प्रोस्टेट उम्र बढ़ने के साथ बढ़ने लगता है. यही कारण है कि वृद्धावस्था के दौरान या प्रोस्टेट में कैंसर या ट्यूमर होने के कारण मूत्र संबंधी समस्याएं हो सकती हैं. यदि आपको ऊपर बताए गए कोई भी लक्षण नजर आएं, तो डॉक्टर से जरूर संपर्क करें. कई मामलों में तो पेशाब की आदतों में बदलाव के कारण भी प्रोस्टेट बढ़ जाता है.

प्रोस्टेट कैंसर के शुरुआती लक्षण

  • यदि आपको बार-बार रात में जागर पेशाब करने का मन करता है, तो इसे हल्के में ना लें. हो सकता है आपके प्रोस्टेट में कोई समस्या हो.
  • पेशाब करने में परेशानी होना
  • स्पर्म या पेशाब में खून आना
  • यूरिन का फ्लो सही न होना

कब हो सकता है प्रोस्टेट कैंसर

प्रोस्टेट कैंसर किसी भी उम्र के पुरुषों को हो सकता है. लेकिन, ज्यादातर यह कैंसर 50 वर्ष की उम्र से ऊपर वाले पुरुषों में अधिक होता है. ऐसे में बढ़ती उम्र में प्रोस्टेट की सेहत पर नजर रखने की जरूरत होती है. यदि आपको किसी भी तरह की दर्द, ट्यूमर या प्रोस्टेट अधिक बढ़ने की समस्या दिखे, तो इसे डॉक्टर से जरूर दिखाएं.

बढ़े हुए प्रोस्टेट के लक्षण

  • पेशाब करने में दिक्कत महसूस करना
  • बार-बार पेशाब करने की इच्छा करना
  • ब्लैडर को पूरी तरह से खाली करने में समस्या होना

प्रोस्टेट कैंसर का इलाज

प्रोस्टेट का आकार बहुत अधिक बढ़ जाए, तो इसका इलाज सर्जरी के जरिए किया जाता है. यदि प्रोस्टेट कैंसर होने का पता चला है, तो इलाज तुरंत शुरू कर देनी चाहिए. इसे शुरुआत में ही डिटेक्ट कर लिया जाए, तो इलाज से व्यक्ति ठीक हो सकता है.

रेडियोथेरेपी, हार्मोन थेरेपी, प्रोटोन बीम थेरेपी के जरिए इसका इलाज किया जाता है. प्रोटोन बीम थेरेपी का उद्देश्य आसपास के किसी भी स्वस्थ ऊतक को होने वाले नुकसान को कम करना है.

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