भिलाई [न्यूज़ टी 20] छत्तीसगढ़ के अति संवेदनशील सुकमा जिले में फोर्स को बड़ी सफलता मिली है। पुलिस द्वारा चलाए जा रहे पुना नर्कोम (नई सुबह-नई शुरुआत) अभियान के तहत 24 नक्सलियों ने हिंसा का रास्ता छोड़ सरेंडर कर दिया।
समर्पण करने वालों में 10 महिला नक्सली भी शामिल हैं। सभी नक्सली लंबे समय से माओवादी संगठन से जुड़कर काम कर रहे थे। बड़ी संख्या में नक्सलियों के समर्पण से माओवादी संगठन को बड़ा झटका लगा है।
सुकमा एसपी सुनील शर्मा ने बताया कि पुलिस द्वारा चलाए जा रहे पुना नर्कोम अभियान के तहत 10 महिला सहित 24 नक्सलियों ने किस्टाराम थाना क्षेत्र के पोटकपल्ली नवीन कैंप में सरेंडर किया है।
प्रमोद चौधरी टूआईसी 208 बटालियन कोबरा, पीके साहू टूआईसी 212 बटालियन सीआरपीएफ, कपील बेनिवाल डीसी 208 वाहिनी कोबरा, कृष्ण कुमार डीसी 208वीं वाहिनी कोबरा, अमित पाल सिंह डीसी 204वीं वाहिनी कोबरा,
सुनील चिन्ची डीसी 212वीं बटालियन सीआरपीएफ, गिरिजा शंकर साव डीएसपी (नक्सल ऑपरेशन) कोंटा के समक्ष बिना हथियार के सरेंडर कर दिया। आत्म समर्पित नक्सली फोर्स को नुकसान पहुंचाने सहित कई घटनाओं में शामिल रहे हैं।
ग्रामीणों के साथ सरेंडर करने आए नक्सली
एसपी सुनील शर्मा ने बताया कि होली मिलन के दौरान पोटकपल्ली के 100-120 की संख्या में ग्रामीण नक्सलियों को साथ लेकर सरेंडर कराने आए थे। ग्रामीणों ने बताया कि माओवादियों के बहकावे व दहशत की वजह से वे नक्सल संगठन से जुड़े थे,
लेकिन वे अब क्षेत्र और गांव के विकास के लिए काम करना चाहते हैं। सरेंडर करने वाले नक्सलियों व कैंप में उपस्थित वरिष्ठ अफसरों के साथ होली पर्व मनाया गया। एसपी शर्मा ने बताया कि
फोर्स के दबाव में नक्सली समर्पण कर रहे हैं या फिर मुठभेड़ में मारे जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि सरेंडर करने वाले नक्सलियों को शासन की पुनर्वास नीति का लाभ दिया जाएगा।
इन नक्सलियों ने छोड़ा हिंसा का रास्ता
सरेंडर करने वाले नक्सलियों में सोडी कोसा, वेट्टी हड़मा, माडवी आयता, ओयम जोगा, वेट्टी हुंगा, वेट्टी भीमा, मड़कम हांदा, सोड़ी हुंगा, सोड़ी भीमा, वेट्टी देवी, वेको देवा, वेट्टी गंगा, सोड़ी हिड़मा, वेट्टी जोगा, वेट्टी भीमें, वेट्टी नंदे, वेट्टी मुये, वेट्टी देवे, किच्चे भीमे,
किच्चे रामे, माड़वी हुंगी, सोड़ी सोमड़ी, सोड़ी सोमड़ी व वेट्टी मासे शामिल हैं। सभी ग्राम पोटकपल्ली, थाना-किस्टाराम, जिला-सुकमा के निवासी हैं। सभी मिलिशिया सदस्य हैं। बड़ी संख्या में नक्सलियों के समर्पण से माओवादी संगठन को बड़ा झटका लगा है।