केंद्र सरकार की योजना है, इसलिए इसमें निवेश किया गया पैसा पूरी तरह से सुरक्षित रहता है और रिटर्न की गारंटी भी रहती है. पब्लिक प्रोविडेंट फंड में छोटी बचत का निवेश करके उस पर रिटर्न हासिल किया जा सकता है.

भिलाई [न्यूज़ टी 20] पब्लिक प्रोविडेंट फंड: बच्चों के अच्छे भविष्य के लिए सबी माता-पिता लगातार प्लानिंग बनाते रहते हैं. बच्चों के अच्छे भविष्य के लिए प्राइवेट और सरकारी, तमाम योजनाएं हैं.

इनमें से एक है पब्लिक प्रोविडेंट फंड. पीपीएफ भारत में सबसे ज्यादा पॉपुलर बचत योजनाओं में से एक है. पीपीएफ की अवधि 15 सालों की है. इसे पांच सालों के लिए बढ़ाया भी जा सकता है.

पब्लिक प्रोविडेंट फंड केंद्र सरकार की योजना है, इसलिए इसमें निवेश किया गया पैसा पूरी तरह से सुरक्षित रहता है और रिटर्न की गारंटी भी रहती है. पब्लिक प्रोविडेंट फंड में छोटी बचत का निवेश करके उस पर रिटर्न हासिल किया जा सकता है.

इस प्लान को रिटायरमेंट के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है. आप अपने बच्चे के लिए भी पीपीएफ अकाउंट खोल कर उसके भविष्य के लिए फंड इकट्ठा कर सकते हैं.

कम उम्र में पीपीएफ अकाउंट खोलने के लिए बच्चे के बड़े होने तक पीपीएफ अकाउंट मैच्योर हो चुका होगा या मैच्योर के करीब होगा.

बच्चों के पीपीएफ अकाउंट के फायदे

पब्लिक प्रोविडेंट फंड खाते की मैच्योरिटी 15 में होती है. 15 साल तक पैसा जमा रहने से ब्याज मूलधन में जमा होता जाता है और फिर उस पर ब्याज मिलता है. इस तरह खाते में एक अच्छा अमाउंट जमा हो जाता है.

अगर आप 5 साल की उम्र में बच्चे का पीपीएफ खाता खुलवाते हैं तो जब वह 20 साल का होगा तो उसकी हायर एजुकेशन के लिए एक अच्छी राशि जमा हो सकती है. पीपीएफ खाते को 5 वर्ष के लिए और आगे बढ़ाया जा सकता है.

पीपीएफ के लिए ब्याज दर हर तिमाही सरकार द्वारा निर्धारित की जाती है. वर्तमान में पीपीएफ की ब्याज दर 7.1 फीसदी है. सरकार द्वारा प्रत्येक तिमाही के लिए ब्याज दरों की घोषणा की जाती है. ब्याज राशि की गणना हर महीने की 5 तारीख के बाद, महीने के आखिरी दिन तक के सबसे कम बैलेंस पर की जाती है. इसलिए पीपीएफ निवेशकों को प्रत्येक महीने की 5 तारीख से पहले अपने खाते में पैसा जमा करने की सलाह दी जाती है.

500 रुपये से शुरु करें बचत

पीपीएफ खाते में निवेश न्यूनतम 500 रुपये के साथ शुरु किया जा सकता है. एक साल में अधिकतम 1.5 लाख रुपये जमा कर सकते हैं. इस खाते में पैसा तो जमा होता रहता है साथ में, टैक्स छूट का फायदा भी मिलता है.

पीपीएफ खाते पर छूट ईईई श्रेणी के अंतर्गत आती है. इसका मतलब यह है कि जिस वर्ष में पीपीएफ में निवेश किया गया है उस साल इनकम टैक्स की धारा 80 सी के तहत टैक्स में छूट मिलेगी.

निवेश राशि के साथ पीपीएफ पर अर्जित ब्याज पर भी कोई टैक्स नहीं लगेगा. पीपीएफ खाते में जमा राशि के बदले में लोन भी लिया जा सकता है. खाता खोलने की तारीख से केवल तीसरे वर्ष की शुरुआत और छठे वर्ष के अंत के बीच ही लोन लिया जा सकता है.

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