भिलाई [न्यूज़ टी 20] हैदराबाद / तेलंगाना के मंचेरियल की एक 32 वर्षीय महिला ने अपने पति की मौत के 11 महीने बाद जमे हुए भ्रूण का उपयोग करके एक बच्चे को जन्म दिया है.
नौ साल तक गर्भ धारण करने में असमर्थ मंचेरियल के एक जोड़े ने 2020 में वारंगल में ओएसिस फर्टिलिटी सेंटर से संपर्क किया. प्रजनन केंद्र के डॉक्टरों ने उनसे अंडा और वीर्य एकत्र किया और उसी वर्ष मार्च में प्रक्रिया शुरू की.
पांच दिनों के बाद, भ्रूण को तैयार किया गया. दुर्भाग्य से दंपति जल्द ही कोविड -19 से संक्रमित हो गए. कुछ दिनों बाद पत्नी को इस बीमारी से उबर गई, लेकिन उनके 34 वर्षीय पति का मई 2020 में निधन हो गया.
महिला को मिला ससुराल वालों का साथ
इसके बाद महिला ने आईवीएफ (इन विट्रो फर्टिलाइजेशन) उपचार प्रक्रिया के माध्यम से प्रजनन केंद्र में संग्रहीत जमे हुए भ्रूण को ले जाकर मां बनने का फैसला किया. उसके ससुराल वाले भी इस प्रस्ताव से सहमत हो गए. हालांकि,
केंद्र के डॉक्टरों ने उसके प्रस्ताव को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि प्रक्रिया शुरू करने के लिए पति और पत्नी दोनों के हस्ताक्षर अनिवार्य हैं.
फिर उसने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया और जब अदालत ने इस मुद्दे को महिला के अपने विवेक पर छोड़ दिया, तो डॉक्टरों ने अगस्त 2021 में आईवीएफ उपचार शुरू किया.
उसने 22 मार्च, 2022 को बच्चे को जन्म दिया. पति की मृत्यु के बाद एक बच्चे को जन्म देने के महिला के दृढ़ संकल्प को जीवन के सभी क्षेत्रों के लोगों से काफी सराहना मिली.