भिलाई [न्यूज़ टी 20] दुर्ग / राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली के निर्देशानुसार एवं राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर के मार्गदर्शन एवं संजय कुमार जायसवाल जिला न्यायाधीश /अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण दुर्ग के निर्देशन में
जिला न्यायालय में नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया है। दुर्ग जिले में जिला न्यायालय दुर्ग, व्यवहार न्यायालय भिलाई-तीन एवम् व्यवहार न्यायालय पाटन तथा किशोर न्याय बोर्ड, श्रम न्यायालय, स्थायी लोक अदालत जनोपयोगी सेवा, दुर्ग में नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया।
नेशनल लोक अदालत का शुभारंभ संजय कुमार जायसवाल, जिला न्यायाधीश के द्वारा दीप प्रज्जवल कर किया गया। शुभारंभ पर न्यायिक अधिकारी अधिवक्ता संघ दुर्ग के अध्यक्ष नीता जैन, सचिव रविशंकर सहित अन्य पदाधिकारी, अधिवक्तागण, उपस्थित रहें।
नेशनल लोक अदालत हेतु कुल 33 खण्डपीठ का गठन किया गया है । परिवार न्यायालय दुर्ग हेतु 03 खण्डपीठ , जिला न्यायालय हेतु 24 , तहसील न्यायालय पाटन हेतु 01 खण्डपीठ , तहसील न्यायालय भिलाई-3 हेतु 02 खण्डपीठ , एवं किशोर न्याय बोर्ड हेतु 01 खण्डपीठ ,
श्रम न्यायालय दुर्ग हेतु 01 खंडपीठ तथा स्थायी लोक अदालत जनोपयोगी सेवा दुर्ग हेतु 01 खंडपीठ का गठन किया गया है। नेशनल लोक अदालत में कुल- 1891 न्यायालयीन प्रकरण तथा कुल 93 प्रीलिटिगेशन प्रकरण निराकृत हुए एवं राजस्व से संबंधित 10186 प्रकरण निराकृत हुए।
जिसमें कुल समझौता राशि 6,52,98,193 /रूपये रहा । निराकृत हुए न्यायालयीन प्रकरण में 467 दांडिक प्रकरण , 9 विद्युत के प्रकरण , क्लेम के 33 .प्रकरण , 102 पारिवारिक मामले, 176 चेक अनादरण मामले, 29 व्यवहार वाद मामले ,
43 प्रकरण श्रम न्यायालय के प्रकरण, 152 प्रकरण स्थायी लोक अदालत जनोपयोगी सेवा, अन्य 167 प्रकरण निराकृत हुए। इस नेशनल लोक अदालत में निराकृत प्रकरण के कुछ महत्वपूर्ण प्रकरण:- लोक अदालत में राजीनामा किये जाने से 48048/-रूपये की न्याय शुल्क की राशि
वादी पक्ष को वापस प्राप्त होगीः- न्यायालय अष्ठम अपर जिला न्यायाधीश दुर्ग के न्यायालय में लंबित व्यवहार वाद प्रकरण क्रमांक- 74 बी/2011, में राशि- 4,00,191/-रूपये के लिए प्रस्तुत वाद में वादी पक्ष भारतीय स्टेट बैंक के द्वारा अनावेदक पक्ष से राजीनामा कर प्रकरण को लोक अदालत में समाप्त किया।
यह न्यायालय प्रकरण 10 वर्ष से अधिक समय से लंबित था इस प्रकरण में 48048/-रू. न्याय शुल्क चस्पा किया गया था। जो वादी पक्ष को लोक अदालत में प्रकरण समाप्त होने से वापस प्राप्त होगी। संबंधित प्रकरण की सुनवाई खंडपीठ क्रमांक- 07 में हुई,
जिसमें पीठासीन अधिकारी भानू प्रताप सिंह त्यागी रहे। माननीय जिला न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के द्वारा मोटर दुर्घटना दावा प्रकरण में समझौता हेतु प्रेरित किये जाने तथा समझाईश दिये जाने पर आवेदकगण के द्वारा द्वारा मुआवजा राशि 15,50,000/-रू. में समझौता किया।
नेशनल लोक अदालत के लिए गठित खंडपीठ क्रमांक- 04 में मोटर दुर्घटना दावा प्रकरण लंबित था जिसमें मोटर सायकल एवं हाईवा ट्क से टककर से थाना पुलगांव में दर्ज एक्सीडेंट प्रकरण के संबंध में मृतक के परिजनों के द्वारा न्यायालय मे दावा प्रकरण प्रस्तुत किया गया था।
जिसमें आज समझाईश दिये जाने एवं समझौता हेतु श्रीमान् जिला न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण दुर्ग के द्वारा पक्षकारों को प्रेरित किये जाने पर यूनाइटेड इंडिया इश्योंरेंस कंपनी के द्वारा मृतक के परिजनों को मुआवजा राशि 15,50,000/-रू. दिये जाने में सहमति देते हुए
प्रकरण को राजीनामा के आधार पर समाप्त किया। वर्चुअल माध्यम से मोबाईल का उपयोग कर न्यायालय के 05 लंबित प्रकरण में हुआ राजीनामा – जिला न्यायालय दुर्ग के खंडपीठ क्रमांक-11 पीठासीन अधिकारी उमेश उपाध्याय व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-1 के न्यायालय में लंबित
न्यायालयीन दांडिक प्रकरण जो धारा- 323,294,506 भारतीय दंड संहिता वर्ष 2015 से लंबित था संबंधित प्रकरण में प्रार्थी एवं आरोपी के मध्य दुर्गा पूजना के विसर्जन के समय नाच, गाने के समय नाचते समय उत्पन्न हुए विवाद पर थाना मोहन नगर में दर्ज अपराध में आज आरोपी एवं
प्रार्थी के मध्य राजीनामा हुआ। प्रार्थी विडियों कान्फेंसिंग के माध्यम से उपस्थित हुआ तथा आरोपी से समझौता किये जाने में सहमति प्रदान की। एक अन्य प्रकरण जो थाना- भिलाई भट्ठी में पंजीबद्व था उसमें प्रार्थियाॅ नागपूर उपचार भर्ती थी।
जिससे मोबाईल के माध्मय से खंडपीठ के समक्ष राजीनामा किये जाने पर आरोपीगण के विरूद्व दर्ज अपराध धारा 294,506बी 323/34 भा.दं.सं अपराध से दोषमुक्त किया गया।
थाना पुलगांव में धारा- 294,506बी 323 भा.दं. सं दर्ज प्रकरण में प्रार्थी से नक्सली क्षेत्र सुकमा से विडियों कान्फ्रेसिंग के माध्यम विडियों कान्फेे्रसिंग के माध्यम से प्रकरण को राजीनामा के आधार पर समाप्त किया।
जिला न्यायालय दुर्ग के खंडपीठ क्रमांक-09 पीठासीन अधिकारी ताजूद्दीन आसिफ व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-1 के न्यायालय में लंबित न्यायालयीन दांडिक में जो थाना सुपेला के अपराध से संबंधित था।
में प्रार्थी से वर्चुअल माध्यम से संपर्क कर समझौता के संबंध में पूछताछ कर सहमति प्राप्त कर संबंधित न्यायालयीन प्रकरण को राजीनामा के आधार पर समाप्त किया गया।
जिला न्यायालय दुर्ग के खंडपीठ क्रमांक-18 पीठासीन अधिकारी कु. अंकिता मदन लाल गुप्ता व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-2 के न्यायालय में लंबित न्यायालयीन दांडिक जो धारा- 294,506बी, 323 भा.दं.वि. में प्रार्थी जो पूणे में था।
को वर्चुअल माध्यम से जोडकर समझौता के संबंध में पूछताछ कर सहमति प्राप्त कर संबंधित न्यायालयीन प्रकरण को राजीनामा के आधार पर समाप्त किया गया। पति -पत्नि के मध्य उपजे पारिवारिक विवाद के संबंध में न्यायालय के प्रकरण में लोक अदालत में राजीनामा के आधार पर हुआ
निपटारा:- श्रीमान् मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के न्यायालय में लंबित पति-पत्नि के विवाद पर उत्पन्न हुए न्यायालयीन प्रकरण में राजीनामा हुआ। पति के द्वारा शराब के नशे में आकर पारिवारिक बात पर वाद विवाद पत्नि के साथ किये जाने पर पत्नि के द्वारा
दुर्ग थाने में दर्ज कराये गये रिपोर्ट पर आज पत्नि के द्वारा पति से पारिवारिक विवाद को समाप्त करते हुए राजीनामा के आधार पर प्रकरण को समाप्त करवाया। एक अन्य प्रकरण में पति अपनी पत्नि के चरित्र पर शक करने से गाली गलौच,
मारपीट किये जाने पर दर्ज रिपोर्ट को पत्नि ने आज लोक अदालत में पति से राजीनामा किया। उक्त प्रकरण की सुनवाई खंडपीठ क्रमांक- 08 में हुई जिसमें पीठासीन अधिकारी संतोष ठाकुर थे।
खंडपीठ क्रमांक- 15 के पीठासीन अधिकारी जनार्दन खरे के यहाॅ सुनवाई हुए थाना नेवई में पत्नि व सास के द्वारा दर्ज कराये गये रिपोर्ट पर से पति/ दामाद के खिलाफ धारा – 294,506बी,323 का अपराध दर्ज किया गया ।
पति शराब के नशे में पत्नि के साथ विवाद किया तथा बचाव करने आई सास के साथ भी मारपीट किया । आज दिनांक को सास एवं पत्नि ने पति/ दामाद के साथ राजीनामा कर समझौता के आधार प्रकरण प्रकरण को समाप्त कराया। आगामी नेशनल लोक अदालत 13 अगस्त 2022 को आयोजित की जा रही है।