बिलासपुर। मदनवाड़ा इंक्वायरी कमीशन (जांच आयोग) की फाइंडिंग रिपोर्ट को चुनौती देने वाली निलंबित आईपीएस मुकेश गुप्ता की अंतरिम राहत की मांग वाली याचिका को हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया है। बीते दिनों हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था।

मदनवाड़ा हत्याकांड में जांच आयोग द्वारा पेश रिपोर्ट की फाइंडिंग को चुनौती देते हुए निलंबित आईपीएस मुकेश गुप्ता ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। इसमें अंतरिम राहत के रूप में जांच आयोग द्वारा पेश रिपोर्ट के आधार पर उन पर होने वाली कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग की थी। सोमवार को मुकेश गुप्ता की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता महेश जेठमलानी एवं अधिवक्ता विवेक शर्मा ने पैरवी की।सभी पक्षों को सुनने के बाद हाई कोर्ट ने याचिका को स्वीकार करने और अंतरिम राहत के आवेदन के फैसले को सुरक्षित रख लिया था। मंगलवार को इस मामले की सुनवाई हुई। कोर्ट ने याचिकाकर्ता मुकेश गुप्ता की अंतरिम राहत की मांग को खारिज कर दिया है।

गौरतलब है कि राजनांदगांव जिले के मदनवाड़ा गांव के पास 12 जुलाई 2009 को नक्सलियों ने घात लगाकर पुलिस टीम पर ताबड़तोड़ हमला कर दिया था। इसमें तत्कालीन एसपी विनोद चौबे समेत 29 जवानों की शहादत हो गई। मामले को लेकर शंभू नाथ श्रीवास्तव की अध्यक्षता में जांच आयोग का गठन किया गया। जांच आयोग ने रिपोर्ट पेश कर दी है। रिपोर्ट में प्रथम दृष्टया आइपीएस मुकेश गुप्ता को दोषी ठहराया है। जांच आयोग की रिपोर्ट में अपने खिलाफ की गई प्रतिकूल टिप्पणी और कार्रवाई की आशंका को लेकर उन्होंने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर आयोग की कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग करते हुए अंतरिम राहत की गुहार लगाई थी। जिसे हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया है।

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