भिलाई [न्यूज़ टी 20] अयोध्या. उत्तर प्रदेश की धर्मनगरी अयोध्या (Ayodhya News) में रामलला के मंदिर (Ram Mandir) का निर्माण जोरशोर से चल रहा है. ऐसे में रामलला (Lord Rama) की कुलदेवी की बात ना की जाए तो श्रद्धालुओं के साथ बड़ी नाइंसाफी होगी. जी हां!

अयोध्या की प्राचीन माता बड़ी देवकाली मंदिर श्रद्धा का एक बड़ा केंद्र है, जहाँ देश के कोने-कोने से श्रद्धालु विशेष रूप से नवरात्री में माता के दर्शन करने पहुंचते हैं. मां बड़ी देवकाली को भगवान श्री राम की कुलदेवी के रूप में जाना जाता है.

एक ही शिला में विराजमान श्री महा काली , श्री महा लक्ष्मी और श्री महा सरस्वती भक्तों के कल्याण के लिए यहां विराजमान हैं. यहां श्रद्धा के साथ जो भी मुरादें मांगी जाती हैं, वह सारी पूरी होती हैं.

धर्मनगरी अयोध्या के 14 कोस की परिधि में बड़ी देवकाली जी के नाम से प्रसिद्ध मर्यादा पुरषोत्तम श्री राम की कुलदेवी विराजमान हैं. अयोध्या धाम के राम मंदिर से लगभग 4 किलोमीटर दूर फैजाबाद शहर में यह मंदिर स्थित है.

एक ही शिला में विराजमान श्री महा काली, श्री महा लक्ष्मी और श्री महा सरस्वती यंहा विराजमान है. कहा जाता है कि प्रभु श्री राम के पूर्वज महाराजा रघु अपनी अराध्य कुलदेवी श्री बड़ी देवकाली जी की तीनो रूपों की पूजा-अर्चना किया करते थे.

मर्यादा पुरषोत्तम श्री राम का जब जन्म हुआ, तब माता कौसल्या ने बाल्य रूप श्री राम के साथ यहां पूजा अनुष्ठान कर अपनी कुलदेवी के तीनों रूपों की पूजा अर्चना की थी.

यह प्रसिद्ध प्राचीन मंदिर दूर दाराज से आए भक्तों के आस्था का केंद्र हैं. मान्यता है कि जिस तरह से माता कौशल्या भगवान राम को जन्म देने के बाद उनके साथ माता देवकाली के दर्शन करने आई थीं.

उसी तरह से पुत्र प्राप्ति के बाद लोग पुत्र को लेकर माता देवकाली का दर्शन करने आते हैं. भक्तों का मानना है कि लोग माता देवकाली के मंदिर में जो मनोकामना मांगते हैं वह पूर्ण होती है.

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