भिलाई [न्यूज़ टी 20] देश में कच्चे तेल की ऊंची कीमतों का असर कम करने के लिये सरकार और तेल कंपनियां हर संभव कदम उठा रही हैं. सूत्रों के मुचाबिक देश की शीर्ष तेल कंपनी इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन ने रूस से भारी छूट के साथ कच्चे तेल की खरीद की है.

सूत्रों के मुताबिक तेल कंपनी ने एक ट्रेडर के माध्यम से 30 लाख बैरल कच्चा तेल खरीदा है. सूत्र ने जानकारी दी कि रूस ने इस डील पर 20 से 25 डॉलर प्रति बैरल तक की छूट दी है. रूस यूक्रेन संकट पर अमेरिका और यूरोप के द्वारा रूस पर कच्चे तेल को लेकर लगे प्रतिबंधों के बाद भारतीय तेल कंपनियों के द्वारा ये पहली खरीद है.

सूत्र की माने तो तेल कंपनियों ने इस डील में कोई प्रतिबंध नहीं तोड़ा है. 30 लाख बैरल की हुई डील सूत्रों ने कहा कि देश की शीर्ष तेल कंपनी इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) ने 30 लाख बैरल कच्चा तेल खरीदा है, जिसे रूस ने मौजूदा अंतरराष्ट्रीय दरों पर भारी छूट पर पेश किया था.

मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने कहा कि आईओसी ने मई डिलीवरी के लिए यूराल क्रूड को ब्रेंट पर उस तारीख की कीमत के मुकाबले 20-25 डॉलर प्रति बैरल की छूट पर खरीदा है. दरअसल अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों ने जैसे ही मास्को पर प्रतिबंध लगाए,

रूस ने भारत और अन्य बड़े आयातकों को रियायती कीमतों पर तेल और अन्य वस्तुओं की पेशकश शुरू कर दी है. इसके साथ ही रूस ने भारत को उनके तेल और गैस क्षेत्र में निवेश की भी पेशकश की है. आईओसी ने संशोधित शर्तों पर की डील सूत्रों की माने तो आईओसी ने संशोधित शर्तों पर खरीदारी की,

जिसमें क्रूड को विक्रेता सीधे भारतीय पोर्ट पर डिलीवर करेगा जिससे शिपिंग और बीमा की व्यवस्था में प्रतिबंधों के कारण किसी भी जटिलता से बचा जा सके. सूत्रों ने साफ किया कि इस कदम से प्रतिबंधों का कोई उल्लंघन नहीं किया जा रहा है. अपने विवादास्पद परमाणु कार्यक्रम को लेकर अमेरिका द्वारा ईरान पर लगाए गए प्रतिबंधों के विपरीत,

रूस के साथ तेल और ऊर्जा व्यापार पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया है. सूत्र ने कहा कि इसका मतलब है कि रूस से की गई किसी भी खरीद के भुगतान के लिये अंतरराष्ट्रीय भुगतान प्रणाली उपलब्ध है. सूत्र ने साफ किया कि ईरान के मामले में ऐसा नहीं था, जिसे अंतरराष्ट्रीय धन और सुरक्षा हस्तांतरण प्रणाली, स्विफ्ट से बाहर कर दिया गया था.

साथ ही, ईरान से तेल का निवेश करने या खरीदने वाली कंपनियों या संस्थाओं पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया था. भारत के लिये रियायती दरों पर तेल से बड़ी राहत भारत, जो अपनी तेल जरूरतों का 85 प्रतिशत आयात करता है, सस्ती दरों पर कहीं से भी खरीद के माध्यम से बढ़ते ऊर्जा बिल में कटौती करना चाहता है.

पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने सोमवार को राज्यसभा को बताया कि देश तेल की ऊंची कीमतों से सुरक्षा के लिए आवश्यक बीमा और माल ढुलाई जैसे पहलुओं पर विचार करने के बाद रियायती कीमतों पर कच्चे तेल को बेचने के रूसी प्रस्ताव का मूल्यांकन करेगा.

उन्होने कहा था कि पिछले दो वर्षों में महामारी की स्थिति में और पिछले कुछ हफ्तों में रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध या सैन्य कार्रवाई के बीच, सरकार सभी विकल्पों का पता लगाएगी जो उपलब्ध हैं. मंत्री ने जानकारी दी थी कि उन्होंने रूसी सरकार के अधिकारियों इस मामले में चर्चा की है.


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