विस्तार से रेट्रोफिटिंग और सिंगल विलेज योजनाओं की समीक्षा की
दुर्ग / [न्यूज़ टी 20] कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने आज कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में जलजीवन मिशन की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने बैठक में कहा कि एक साल चार महीने के भीतर एक लाख घरों में शुद्ध पेयजल पहुंचाना हमारा लक्ष्य है।
इसकी प्राप्ति के लिए युद्धस्तर पर कार्य करें। उन्होंने कहा कि जिन कार्यों को स्वीकृत किया गया है, उन्हें तेजी से पूरा करने की दिशा में बढ़ें। जहां कार्य अप्रारंभ है उसे आरंभ कराएं। नये कार्यों की जल्द से स्वीकृति कराएं।
कलेक्टर ने कहा कि जलजीवन मिशन में तकनीकी कार्य के साथ ही लोगों के भीतर जागरूकता पैदा करना भी अहम कार्य है। इसके लिए क्रियान्वयन एजेंसी नियुक्त की गई है। यह कार्य जितना प्रभावी होगा, जलजीवन मिशन की सफलता उतनी ही अहम होगी।
उन्होंने कहा कि क्रियान्वयन एजेंसी इस बात का ध्यान रखें कि लोगों को बताना है कि जलजीवन मिशन के माध्यम से शुद्ध पेयजल की आवश्यकताएं पूरी होंगी लेकिन शुद्ध पेयजल भी अन्य संसाधनों की तरह संसाधन ही है इसका विवेकपूर्ण इस्तेमाल होना चाहिए।
यदि इसका अधिक इस्तेमाल हुआ तो ग्राउंड वाटर के चूकने से यह योजना प्रभावी नहीं रहेगी। इसके साथ ही सोक पिट आदि बनाने की दिशा में भी कार्य होता रहे ताकि वाटर रिचार्ज बना रहे।
मिशन के सचिव समीर शर्मा ने बताया कि जलजीवन मिशन के कार्यान्वयन की लगातार मानिटरिंग की जा रही है। जिन एजेंसियों ने समय पर कार्य शुरू नहीं किया अथवा विलंब किया, उन पर मिशन के नियमों के अनुरूप कड़ी कार्रवाई की गई है।
कलेक्टर ने स्कूलों और आंगनबाड़ियों में रनिंग वाटर की स्थिति की जानकारी भी ली। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित कर लें कि मिशन के उद्देश्यों के अनुरूप प्रत्येक स्कूल और आंगनबाड़ी में रनिंग वाटर की जरूरत पूरी हो जाए।