सारंगढ़। बरमकेला में तहसीलदार द्वारा कर्मचारियों के साथ कांग्रेस नेता के कम्यूटर दुकान में दिनदहाड़े घुसकर दबंगई दिखाते हुए मारपीट करने का सनसनीखेज मामला प्रकाश में आया है। चूंकि, इस घटना में कांग्रेस नेता के सिर में गंभीर आई, इसलिए आक्रोशित विधायक प्रकाश नायक सहित कांग्रेसियों ने तहसीलदार और आरोपी कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर तथा निलंबन की मांग को लेकर न केवल बरमकेला थाने का घेराव किया, बल्कि चक्काजाम भी कर दिया। ऐसे में जनाक्रोश को भडक़े देख दहशत के मारे तहसीलदार को थाने के टॉयलेट में जाकर दुबकना पड़ा। वहीं, जब पुलिस ने तहसीलदार सहित 5 सरकारी मुलाजिमों के विरुद्ध मुकदमा पंजीबद्ध किया, तब कहीं जाकर बरमकेला में बवाल शांत हुआ।
सूत्रों के मुताबिक बरमकेला से तकरीबन 4 किलोमीटर दूर ग्राम झाबड़ निवासी पूर्व स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के बेटे और पूर्व जिला पंचायत सदस्य लीलाम्बर नायक का तहसील कार्यालय के समीप नीलांबर कंप्यूटर सेंटर संचालित है, जहां उनका पुत्र सुरेंद्र नायक बैठता है। बरमकेला तहसील ऑफिस में सहायक ग्रेड 3 में के रूप में पदस्थ संजय सिदार गुरुवार अपरान्ह लगभग 1 बजे नीलांबर कंप्यूटर सेंटर पहुंचा तो उस वक्त दुकान में नीलांबर नायक के साथ उनका बेटा सुरेंद्र नायक भी था। तहसील कार्यालय में हुए कंप्यूटर कार्य में लेने-देने की बात को लेकर नीलांबर और संजय सिदार के बीच कहासुनी हो गया। बताया जाता है कि विवाद गहराने पर संजय सिदार ने गुस्से में आव देखा न ताव और अपना रूतबा दिखाते हुए बरमकेला तहसीलदार सिद्धार्थ अनंत को फोन लगाकर इसकी सूचना दी।
फिर क्या, कुछ ही देर में तहसीलदार सिद्धार्थ अनंत अपने 4 कर्मचारियों को लेकर लीलाम्बर नायक की दुकान पहुंचे और दबंगई दिखाने लगे। यही नहीं, अपशब्दों का प्रयोग करने वाले तहसीलदार को जब नीलांबर ने शांत रहने की नसीहत दी तो वे अपने कर्मचारी साथियों के साथ इस कदर भडक़े कि दुकान के भीतर ही मारपीट शुरू हो गई। आरोप है कि कर्मचारियों ने कम्प्यूटर दुकान में गुंडागर्दी की तो तहसीलदार ने वहां पड़े रॉडनुमा हथियार से लीलाम्बर पर ऐसा हमला कर दिया कि उनके सिर के बाएं भाग से खून निकलने लगा।
वहीं, अपने पिता को जख्मी हालत में देख सुरेंद्र ने अपने स्टॉफ हेमसागर यादव तथा गंगाराम की मदद से किसी तरह बीच-बचाव कर विवाद को शांत कराया। तदुपरांत, बौखलाए तहसीलदार सिद्धार्थ अनंत जब अपने कर्मचारियों के साथ कम्यूटर दुकान से निकले तो सुरेंद्र ने मौके की नजाकत को भांप 112 नंबर डायल कर मदद की मांग की। फिर, आनन-फानन में वाहन से घायल लीलाम्बर को नजदीकी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया। चिकित्सकों ने खून से लथपथ नीलांबर का प्राथमिक इलाज शुरू किया तो अस्पताल में लोगों की भीड़ लगने लगी। इधर, बरमकेला के स्टेडियम में गुरुवार को डॉ. शक्राजीत नायक की स्मृति में आयोजित क्रिकेट प्रतियोगिता शामिल होने गए रायगढ़ विधायक प्रकाश नायक को पूर्व जिला पंचायत सदस्य लीलाम्बर नायक की मारपीट की खबर लगी तो वे जिला कांग्रेस अध्यक्ष (ग्रामीण) अरुण मालाकार और साथियों के साथ तत्काल अस्पताल गए तो देखा कि जख्मी नीलांबर की हालत गंभीर थी।
वहीं, सुरेंद्र नायक ने तहसीलदार सिद्धार्थ अनंत की हरकतों का कच्चा चिट्ठा खोलते हुए पूरे वारदात की जानकारी दी तो मामला गर्मा गया। देखते ही देखते इस घटना के राजनीतिक रंग लेते ही दर्जनों की संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता अस्पताल में इकट्ठे हो गए। वहीं, विधायक प्रकाश नायक और अरुण मालाकार जब वरिष्ठ कांग्रेस नेता घनश्याम मनहर, विधायक प्रतिनिधि अरुण शर्मा, जनपद उपाध्यक्ष किशोर पटेल, ताराचंद पटेल, गोल्डी नायक सहित दर्जनों समर्थकों के साथ थाने गए तो पता चला कि जिन तहसीलदार सिद्धार्थ अनंत के खिलाफ वे शिकायत दर्ज कराने गए हैं, वे थाने के भीतर मौजूद हैं तो लोगों का गुस्सा भडक़ गया और वे तहसीलदार को बाहर निकालने की मांग करने लगे।
यही नहीं, तहसीलदार और उनके साथी कर्मचारियों के विरुद्ध एफआरआई दर्ज कर उनको निलंबित करने के नारे लगाने वाले कांग्रेसी नेताओं ने समर्थकों के साथ बरमकेला थाना का घेराव कर दिया। करीब घंटे भर घेराव के बाद कांग्रेसियों ने बरमकेला मुख्य मार्ग पर चक्काजाम कर दिया। ऐसे में बरमकेला में हुए बवाल से तनाव का जहर घुलते देख एडिशनल एसपी महेश्वर नाग और एसडीएम मोनिका वर्मा को मोर्चा सम्हालने आगे आना पड़ा।
एएसपी महेश्वर नाग
सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक महेश्वर नाग का कहना है कि सुरेंद्र नायक के आवेदन पर उसके जख्मी पिता का डॉक्टरी मुलाहिजा कराया गया। चिकित्सकों ने लीलाम्बर नायक के सिर में गंभीर श्रेणी के चोट आने की पुष्टि की है। यही वजह है कि तहसीलदार सिद्धार्थ अनंत सहित 4 लोगों के खिलाफ जुर्म दर्ज किया गया है। आगे जांच पड़ताल में पता चलेगा कि तहसीलदार के साथ कौन लोग घटना में शामिल थे।