भिलाई [न्यूज़ टी 20] ‘द कश्मीर फाइल्स’ के बॉक्स ऑफिस कलेक्शन ने बड़ी फिल्मों के रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। 8वें दिन भी फिल्म ने धुआंधार कमाई की है। फिल्म 90 के दशक में कश्मीरी पंडितों के पलायन की कहानी है। विवेक अग्निहोत्री की इस फिल्म को देश के कई राज्यों में टैक्स फ्री किया गया है।
इनमें उत्तर प्रदेश, हरियाणा, गुजरात, मध्य प्रदेश, बिहार, कर्नाटक और गोवा सहित कुछ दूसरे राज्य शामिल हैं। फिल्म के टैक्स फ्री होने पर अमिताभ बच्चन की फिल्म ‘झुंड’ की निर्माता सविता राज ने सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि कश्मीरी पंडितों की कहानी को पर्दे पर दिखाया जाना अच्छी बात है लेकिन उनकी फिल्म भी महत्वपूर्ण विषय पर बनी है।
‘झुंड’ की कहानी रिटायर्ड स्पोर्ट्स टीचर विजय बरसे की जिंदगी पर आधारित है। फिल्म में अमिताभ बच्चन की मुख्य भूमिका है। विजय बरसे ने झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले बच्चों को खेल के लिए प्रेरित किया। ‘झुंड’ की निर्माता ने शुक्रवार को फेसबुक पर एक पोस्ट लिखकर अपनी बात कही।
उनका कहना है कि ‘झुंडट भी ‘द कश्मीर फाइल्स’ जैसे महत्वपूर्ण विषय पर है। सविता लिखती हैं, ‘मैंने हाल में द कश्मीर फाइल्स देखी, जो कश्मीरी पंडितों के पलायन की कहानी के रूप में दिल को दहला देती है। ऐसी कहानी बताने की जरूरत है। यह कश्मीरी पंडितों के लिए एक अच्छी आवाज है।‘
‘किस आधार पर किया जाता है’
‘लेकिन झुंड की निर्माता के रूप में हैरान हूं आखिर झुंड भी एक महत्वपूर्ण फिल्म है और इसमें एक कहानी है जो बड़ा संदेश देती है जिसे दर्शकों ने पसंद किया। इसलिए मैं यह जानना चाहती हूं कि आखिर वह कौन सा मानदंड है
जिसकी वजह से सरकार ने मजबूती के साथ फिल्म को सपोर्ट करते हुए इसे टैक्स फ्री कर दिया है, सोशल मीडिया पर प्रचार किया गया और ऑफिस के कर्मचारियों को फिल्म देखने के लिए छुट्टी या हाफ डे दिया गया।‘
असमानता की कहानी को दिखाती ‘झुंड’
‘आखिरकार झुंड भी एक ऐसे विषय पर बनी है जो हमारे देश के विकास के लिए बहुत जरूरी है। झुंड न केवल जाति और आर्थिक असमानता पर बात करती है बल्कि समाज के निचले तबके को सफलता खोजने की कहानी दिखाती है।‘
नागराज का हिन्दी डेब्यू
बता दें कि ‘झुंड’ 4 मार्च को सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी। इसका निर्देशन नागराज मंजुले ने किया है। यह उनकी पहली हिन्दी फिल्म है। इससे पहले मंजुले ने मराठी फिल्म ‘फैंड्री’ और ‘सैराट’ बनाई है।