(रायगढ़ से श्याम भोजवानी)

रायगढ़ (न्यूज़ टी 20) । पुलिस कप्तान अभिषेक मीणा की कार्यप्रणाली से कानून व्यवस्था जिले में दुरूस्त नजर आती है, वहीं एक ओर रायगढ़ शहर के मध्य स्थित जूटमिल चौकी के क्रियाकलापों से जनता परेशान व आक्रोशित नजर आती है, कारण आने वाले समय में यहां कोई बड़ी आन्दोलन हो तो यह अतिशयोक्ति नहीं होगी, थाने को लेकर सरकार व पुलिस कप्तान को भी घेरा जा सकता है, लोगों के मन में जो चौकी को लेकर गुस्सा है उसको विपक्ष मुद्दा बनाने की राजनीतिक रणनीति पर विचार कर रही है? आपको बता दें रायगढ़ शहर के बड़े बड़े अपराधों में जूटमिल चौकी का क्षेत्र पुर्व में आता रहा है, वहीं इतने संवेदनशील चौकी पर जब से नवीन पदस्थापना कर वर्तमान पुलिस अधिकारी की पोस्टिंग हुआ है तब से यहां फिर से माफिया राज आरंभ हो गया है कानून का भय कहीं दिखाई नहीं देता वरन कानून के रक्षकों से लोग भयभीत रहते हैं, प्राप्त सुचना के आधार पर इस क्षेत्र में रात दिन अवैध धंधे बेखोफ संचालित है, वैश्यावृत्ति हो या खुलेआम जुआ सट्टा नशा चोरी चकारी, इन सबसे आम लोगों का जीवन दुर्भर हो गया है, थानेदार के नाक के नीचे सब कुछ चलता रहता है फिर भी कोई कार्यवाही नहीं होना पुलिस की मिलीभगत की शंका जाहिर होती है, आय दिन रात में पुलिस प्रशासन के द्वारा भारी वाहनों को तलाशी के नाम पर प्रताड़ित किया जाता है, बिना लेन देन किये गाड़ियों छोड़ा नहीं जाता इन सबमें सबसे ज्यादा परेशान लोकल भारी वाहन वाले हैं जिनका हमेशा शिकायत होता है कि जानबूझकर जूटमिल चौकी वाले परेशान करते हैं, लंबे दुरी वालों को पैसे लेकर बिना चांच के छोड़ देते हैं जबकि स्थानीय गाड़ी मालिकों का कहना हमारी रोज का भाड़े का काम है माल लाना लेजाना फिर भी रोज जांच के नाम पर घंटों खड़े कर देते हैं। आपको बता दें जब से नये दानेदार ने जिम्मेदारी संभाला है तब से जूटमिल क्षेत्र के आका स्वयं को मानने लगे हैं अब कहावत है पुलिस की दोस्ती व दुश्मनी किसी को नही करनी चाहिए इस लिए यह सब खबरें पुलिस कप्तान तक नहीं पहुंचा हो? जबकि पुलिस अधीक्षक का शक्त निर्देश है किसी तरह का अवैध धंधे को पनपने ना दिया जाये वहीं दुसरी ओर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा सभी थानेदारों के साथ पुलिस अधीक्षक व कलेक्टर की भूमिका बांध दिया गया, मुख्यमंत्री स्वयं कहते रहते हैं जिस क्षेत्र में अवैध खनन अवैध शराब अवैध बालू अवैध सट्टा जूआ अवैध कबाड़ जैसे धंधे हुए वहां के पुलिस अधीक्षक से लेकर कलेक्टर तक के उपर कार्यावाही होगी किसी को अपने जिम्मेदारी में ढील नहीं मिलेगा परन्तु मुख्यमंत्री साहब की बातों पर लोग ठहकाहते लगाते मुख्यमंत्री को ही कटघरे में खड़ा करते हैं सारे अवैध धंधों में मुख्यमंत्री के उपर उंगली उठाई जाती है, कमिशन पर्सेंट के खेल में कौन कितना हिस्सेदार हैं यह तो खुली कार्यवाही होगी तब ही सामने आ सकती है, जिस तरह से अवैध धंधों का गढ़ बनकर सामने आ रही जूटमिल चौकी जहां अवैध कबाड़ कोयला बालू व वैश्यावृत्ति से लेकर जूआ सट्टा का कारोबार खुब फल-फूल रहा है, इन परिस्थितियों में तो आने वाले समय में यह क्षेत्र नरक जैसा मौहाल लगने लगेगा, जूटमिल चौकी में छोटे मोटे अपराधों की लंबी फेहरिस्त देखने को मिलेगा पर अन्य बड़े बड़े अपराधों का एक भी किस्सा नही मिलता अन्य थाने के थानेदार की नजर पड़ जाती है, तब मजबूरन जूटमिल प्रभारी को दिखाओ का कार्यवाही करनी पड़ती है जैसा की पुर्व में रायगढ़ की जनता ने देखा है, जूटमिल चौकी प्रभारी का वर्तमान स्वरूप मोटी लेन कर अपराध जगत को संरक्षण देना है, यह भी जानकारी में होना आवश्यक है वर्तमान जूटमिल चौकी प्रभारी अपने खराब कार्यप्रणाली के कारण पुर्व भूपदेवपुर थाना से लाइन अटैच हो चुके हैं व पुराने पदस्थ थानों में इनका रिकार्ड संदेहास्पद रहा है, जिसके कारण पुर्व पुलिस कप्तान इनके नाम से चिढ़ते थे? जूटमिल चौकी अवैध शराब के नाम से विख्यात भी है जिसके कारण अवैध शराब के खेल में मोटी कमाई किया जाता है, जबकि स्थानीय लोगों व समाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा अवैध शराब बिक्री पर रोक लगाने की मांग करते रहे हैं, शराबियों के कारण पुरा क्षेत्र का माहौल खराब रहता है, अपराध होने की आशंकाओं से लोग सहमे रहते हैं, अपराधी माफियाओं के बुलंद हौसले से आमजन आक्रोशित हैं नाम मात्र का डर नहीं रहा अपराधियों को जब संय्या भय कोतवाल तो डर काहे का ? मोटी कमाई का जरिया बना जूटमिल चौकी में किसी तरह की शासन प्रशासन की नहीं चलती यहां संविधान को दरकिनार कर कानून की धज्जियां उड़ाई जाती है। अब देखना है कब तक संवेदनशील पुलिस अधीक्षक वर्दी की शिष्टाचार में संविधान की रक्षा करेंगे या अपने विभाग की साख बचाने इस मायारूपी खेल में खेला होता रहेगा। या मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी अपने कुशल प्रशासन की जो उन्होंने सपना देखा है क्या वो साकार हो पाएगा साकार तो सपना तब पूरा होगा जब भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही करेंगे। क्योंकि इस सरकार के खिलाफ प्रशासनिक डर खत्म हो गया है ऐसा आम जनता में यह संदेश जा रहा है क्या मुख्यमंत्री जी ऐसा कोई कदम उठाएंगे जिससे अगले 2023 के विधानसभा चुनाव में जनता उन्हें हाथो हाथ ले ऐसा कोई ठोस निर्णय लेंगे जिससे जनता का दिल को वो जीत सके और एक अच्छा शासन लोगो के दिलो दिमाग पर इसका प्रतिसाद जाए और अगले चुनाव में मुख्यमंत्री जी को विरोध का सामना न करना पड़े।

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