भिलाई / [न्यूज़ टी 20] Ukraine Russia War News : कहते हैं युद्ध दो देशों के बीच नहीं बल्कि हज़ारों लोगों की ज़िंदगी और मौत के बीच होता है. सोचिए, बच्चे अपने माता-पिता को छोड़ना नहीं चाहते लेकिन महज 11 साल की उम्र में एक बच्चे को अपने माता-पिता से अलग 1000 किलोमीटर दूर अकेले ही जाना पड़ा. इस मासूम बच्चे की बहादुरी की तारीफ पूरी दुनिया कर रही है और बच्चे की तस्वीर वायरल हो गई है.

ये युद्ध ही है, जिसने कच्ची उम्र में बच्चे का मन इतना पक्का कर दिया कि वो यूक्रेन से स्लोवाकिया तक का सफर अकेले तय करके पहुंच गया. इस दौरान उसके साथ थी, तो उसकी मां का दिया हुआ नोट और ज़िंदा रहने का हौसला. जानकारी के मुताबिक बच्चा दक्षिणी पूर्वी यूक्रेन के जपोरिजजिया का रहने वाला है.

हाथों में थी मां की चिट्ठी और पीठ पर बैग

बच्चा जिस जगह से आया है, वो जगह यूरोप का सबसे बड़ा न्यूक्लियर पावर प्लांट है और यहां रूस का कब्ज़ा हो चुका है. यहां से लोग अब पलायन कर दूसरे शहरों में जा रहे हैं. इस बच्चे को उसकी मां ने एक बैगपैक और हाथों में फोन नंबर लिखकर दिया था.

बच्चे की कहानी स्लोवाकिया की मिनिस्ट्री की ओर से शेयर की गई है. उन्होंने बताया है कि -’11 साल का लड़का यूक्रेन से स्लोवाकिया सीमा पार करके आया था. उसके हाथ में प्लास्टिक बैग, पासपोर्ट और फोन नंबर की चिट थी. उसके माता-पिता यूक्रेन में ही हैं और वो अकेला आया है.’

बहादुरी ने सबका जीता दिल

इसी पोस्ट में बच्चे की निडरता और मुस्कान के साथ-साथ दृढ़संकल्प की तारीफ की गई है और उसे रियल हीरो बताया गया है. बच्चे के माता-पिता से भी संपर्क किया जा चुका है.

बच्चे के चेहरे की मासूमियत औरउसके पीछे का दर्द युद्ध और उससे बर्बाद हो रही ज़िंदगियों का गवाह है. उसकी बहादुरी भले ही लोगों का दिल जीत रही है लेकिन अपने पीछे एक सवाल भी छोड़ रही है – ये मासूम मुस्कानें कब तक छिनती रहेंगी?

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