दुर्ग / [न्यूज़ टी 20] ब्यूरो ऑफ एनर्जी एफिसेंसी भारत सरकार द्वारा ऊर्जा, जल संरक्षण और कृषक को जागरूकता पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन गत दिवस कृषि विज्ञान केन्द्र अंजोरा दुर्ग में आयोजन किया गया था। आयोजित कार्यशाला में विजय साहू (सदस्य, केडा) ने ऊर्जा एवं जल संरक्षण के बारे में अवगत कर नयी तकनीकों के साथ कृषि किये जाने हेतु जागरूक किया ।
डॉ आर. पी. तिवारी (निदेशक विस्तार शिक्षा कामधेनु वि.वि. अंजोरा) ने अपने अनुभव साझा करते हुये कृषि कार्य की सरकार की नयी योजनओं से अवगत कराये। विषय विशेषज्ञ डॉ निशा शर्मा (कामधेनु वि.वि. अंजोरा) ने ऊर्जा एवं जल संरक्षण के महत्व को बताते हुये बचतहेतु किसानों को फसल चक्र परिवर्तन, गर्मी में धान के बदले अन्य फसल लेने हेतु कृषकों से आह्वान किया।
वरिष्ठ कृषि विस्तार अधिकारी कुबेर सिंह ने कृषि में जल मितव्ययता तथा विपरीत परिस्थिति में फसलनष्ट होने पर फसल बीमा कराने, टपक एवं स्पीकलर द्वारा सिंचाई के साथ साथ विभिन्न योजनाओं कीजानकारी उपस्थित कृषकों को प्रदान की। क्रेडा विभाग के कार्यपालन अभियंता संतोष ध्रव एवं जिला प्रभारी तुलसी राम ध्रुव द्वारा सौर ऊर्जा चलित उपकरणों, कृषि यंत्रों की विस्तृत जानकारी प्रदान किया गया।
तथा विभागीय योजनाओं की जानकारी प्रदान की गई। कार्यक्रम में विभिन्न ग्रामों के लगभग 70 कृषक उपस्थित हुये। इन्हें फसल परिवर्तन, जल संरक्षण एवं ऊर्जा दक्ष पंप के बारे में जानकारी दिया गया। दिनेश सिन्हा (सोलेक्सी इको पॉवर) एवं सुर्यकांत रॉवतरे (फालकन पंप प्रा. लि.) द्वारा ऊर्जा दक्ष पंपों काप्रदर्शनीय कर ऊर्जा बजत की जानकारी दिया गया।
जिससे कृषकों द्वारा भविष्य में कृषि कार्य के लिए ऊर्जादक्ष उपकरणों का उपयोग एवं फसल चक अपनाते हुये जल संरक्षण हेतु संकल्प लिया गया। कार्यक्रम में मुकेश वासनीक (उद्यानकीय विभाग), वी. खुणे (कार्यक्रम समन्वयक), तथा केडा से वर्षा बघेल (सहायकअभियंता) श्रीमति तारिका दामले (उप-अभियंता), हरीश श्रीवास्तव (उप-अभियंता), एवं केडा के अन्य स्टॉफ उपस्थित रहे।