भिलाई [न्यूज़ टी 20] नई दिल्‍ली. प्रधानमंत्री किसान सम्‍मान (PM Kisan) योजना के तहत मिलने वाली 11वीं किस्‍त का पैसा जल्‍द किसानों के खाते में आएगा. केंद्र सरकार ने इसकी सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं,

लेकिन इस बार ऐसे किसानों को योजना का लाभ नहीं मिलेगा जिनकी ई-केवाईसी पूरी नहीं है. सूत्रों का कहना है कि हर वित्‍तवर्ष में पहली किस्‍त का पैसा किसानों के खाते में 1 अप्रैल से 31 जुलाई के बीच आ जाता है.

इस भी इसी अवधि में 11वीं किस्‍त भेजी जानी है. इसमें हर किसान के खाते में 2,000 रुपये आएंगे. मामले से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि इस समय किसानों के दस्‍तावेजों का सत्‍यापन कार्य चल रहा है और उनका डाटा लॉक किया जा रहा है.

अधिकारियों का कहना है कि कई जिलों में 14 अप्रैल तक डाटा लॉक कर दिया जाएगा. इसके बाद राशि भेजने की प्रक्रिया शुरू होगी. जिन किसानों के सभी दस्‍तावेज सही हैं और उनका सत्‍यापन कार्य भी पूरा हो चुका है

उनके खाते में 15 अप्रैल अथवा 15 मई से राशि भेजनी शुरू कर दी जाएगी. पिछले साल भी 15 मई को ही किस्‍त का पैसा किसानों के खाते में डाला गया था.

ऐसे किसानों को नहीं मिलेगा पैसा

सरकार ने जनवरी में 10वीं किस्‍त का भुगतान करते समय ही स्‍पष्‍ट कर दिया था कि अगली किस्‍त पाने के लिए किसानों को ई-केवाईसी कराना होगा. ऐसे किसान जिनकी ई-केवाईसी पूरी नहीं हुई है, उन्‍हें 11वीं किस्‍त का पैसा नहीं दिया जाएगा.

इतना ही नहीं सरकार ने ओटीपी के जरिये ऑनलाइन ई-केवाईसी की सुविधा भी बंद कर दी है. अब किसानों को अपनी ई-केवाईसी पूरी कराने के लिए कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) जाना होगा.

22 मई तक करा सकते हैं ई-केवाईसी

किसानों को योजना का लाभ उठाने के लिए ई-केवाईसी कराना अनिवार्य है, लेकिन सरकार ने इसके लिए समय सीमा भी तय कर दी है. किसान सिर्फ 22 मई तक अपनी ई-केवाईसी करा सकते हैं.

इसके बाद भी प्रक्रिया पूरी न करने वाले किसानों को योजना से बाहर कर दिया जाएगा. यानी उन्‍हें भविष्‍य में किसान पीएम योजना का लाभ नहीं मिलेगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले दिनों ट्वीट कर बताया था कि

साल 2018 में शुरू हुई इस योजना के तहत अब तक 11.30 करोड़ किसानों के खाते में 1.82 लाख करोड़ रुपये भेजे जा चुके हैं. वैसे तो योजना में 12.53 करोड़ किसानों ने पंजीकरण कराया है,

लेकिन 1.23 करोड़ किसानों के सभी दस्‍तावेज पूरे नहीं होने के कारण उन्‍हें लाभ नहीं दिया जा रहा है.

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