भिलाई [न्यूज़ टी 20] नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 30 जून से शुरू होने वाली अमरनाथ यात्रा से पहले 17 मई को, सुबह 11 बजे जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल, केंद्र सरकार के सचिवों, सीआरपीएफ, एलजी मनोज सिन्हा ने बैठक से पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की और उन्हें जम्मू-कश्मीर की स्थिति के बारे में जानकारी दी.
उन्होंने ट्वीट किया, ‘रक्षा मंत्री राज नाथ सिंह से आज मुलाकात की और अमरनाथ यात्रा के लिए सड़क समेत अन्य बुनियादी ढांचों, अत्यधिक ऊंचाई पर स्थित चुनौतीपूर्ण इलाकों में बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन की ओर से सहायता मिलने पर चर्चा की.
ऐसे प्रयास पवित्र गुफा के लिए ट्रेक को बहुत आसान बना देंगे.’ अधिकारियों ने बताया कि मंगलवार को होने वाली बैठक में केवल सुरक्षा पर नहीं बल्कि यात्रा के सभी पहलुओं पर ध्यान दिया जाएगा.
अमरनाथ यात्रा के सभी पहलुओं की व्यापक समीक्षा होगी
केंद्र सरकार के एक अधिकारी ने कहा, ‘सड़क परिवहन, स्वास्थ्य, सूचना और प्रसारण के केंद्रीय सचिवों के बैठक में शामिल होने की संभावना है. यह यात्रा के सभी पहलुओं की व्यापक समीक्षा होगी. कश्मीरी पंडित राहुल भट्ट की टारगेट किलिंग और
कटरा में बस विस्फोट की घटना के बीच बैठक में जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा स्थिति प्रमुख मुद्दा होगा. इंटेलिजेंस इनपुट मिला है कि पाकिस्तान समर्थित आतंकी समूह अमरनाथ यात्रा के दौरान तीर्थयात्रियों को निशाना बनाने के अपने प्रयासों को आगे बढ़ाएंगे.
ड्रोन और रेडियो फ्रीक्वेंसी की मदद से होगी सुरक्षा निगरानी
एक शीर्ष खुफिया अधिकारी ने News18 को बताया, ‘मोहाली में खुफिया मुख्यालय पर हमला, रॉकेट लॉन्चर की बरामदगी कोई संयोग नहीं है. यह ISI द्वारा अपने खालिस्तान-कश्मीर मॉडल को सक्रिय करने की योजना है.
दुनिया को यह बताने के लिए जम्मू को निशाना बनाया जा रहा है कि समस्या अकेले कश्मीर में नहीं बल्कि पूरे जम्मू-कश्मीर में है.’ गृह मंत्री की समीक्षा के तहत टारगेट किलिंग को रोकने के अलावा जम्मू, पंजाब और एलओसी में सीमा सुरक्षा के कदमों पर भी चर्चा की जाएगी.
राज्य और केंद्रीय बलों ने पुख्ता सुरक्षा के लिए ड्रोन से निगरानी, व्यक्तियों और वाहनों की रेडियो-फ्रीक्वेंसी पहचान, अतिरिक्त सैनिकों की तैनाती, काफिलों की उचित ट्रैकिंग जैसे कदम उठाए हैं.
अधिकारियों के अनुसार, जम्मू, पंजाब, एलओसी और अंतरराष्ट्रीय सीमा को सुरक्षित करने और घुसपैठ रोकने के लिए विशेष अभियान चलाए जा रहे हैं. सीआरपीएफ के वरिष्ठ अधिकारियों जैसे महानिदेशक और महानिरीक्षक (संचालन) ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ समीक्षा बैठक से पहले जम्मू और घाटी का दौरा किया.
सीआरपीएफ के महानिदेशक कुलदीप सिंह ने घाटी में अर्धसैनिक बल के आला अधिकारियों के साथ जम्मू के भगवती नगर स्थित यात्री निवास में अमरनाथ तीर्थयात्रा के लिए सुरक्षा इंतजामों की समीक्षा की. डीजी सिंह, जो राष्ट्रीय जांच एजेंसी के भी प्रमुख हैं, गृह मंत्री को जमीनी स्थिति से अवगत कराएंगे.
अर्धसैनिक बलों की 400 कंपनियां सुरक्षा का जिम्मा संभालेंगी
एनआईए को संदेह है कि कटरा में वैष्णो देवी तीर्थयात्रियों की बस पर ‘स्टिकी बम’ (चिपकने वाला बम) से हमला किया गया, जिससे बस आग की लपटों में घिर गई. अमरनाथ तीर्थयात्रियों के लिए ऐसी घटनाओं से बचने के उपाय भी चर्चा में होंगे.
जम्मू-कश्मीर प्रशासन अमरनाथ तीर्थयात्रा के दौरान केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) की अतिरिक्त कंपनियों की तैनाती के बारे में गृह मंत्रालय के साथ अपनी जरूरतों को साझा कर सकता है.
गृह मंत्रालय ने 2019 की अमरनाथ यात्रा में अर्धसैनिक बलों की 336 अतिरिक्त कंपनियों को मंजूरी दी थी. इस साल करीब 400 कंपनियों को तैनात किया जा सकता है.