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बलौदा बाजार में महिलाओं की हत्या करने वाले एक सीरियल किलर को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. ये किलर महिलाओं के साथ पहले दुष्कर्म करता था और फिर हत्या को अंजाम देता था. वहीं इस सीरियल किलर का खुलासा करना पुलिस के लिए इतना आसान नहीं था. बता दें कि इस पूरे मामले की गुत्थी सुलझाने में पुलिस को चार साल से अधिक समय लग गए.
हत्या कर शव को पेड़ से लटकाया
दरअसल, बलौदा बाजार के लवण थाना क्षेत्र के ग्राम भालूकोना के रहने वाले रामायण पटेल ने 29 मई, 2020 को लवन थाने में रिपोर्ट दर्ज कराया था कि उसकी भतीजी अनुपम बाई अपने घर में अकेली रहती थी. सुबह 7.30 बजे अनुपमा बाई का शव महानदी किनारे एक पेड़ के डंगाल से लटका हुआ मिला. इस सूचना के बाद पुलिस घटनास्थल पहुंची और जांच में जुट गई. इस दौरान पुलिस ने देखा कि मृतिका का शरीर पेड़ की डंगाल पर और पैर जमीन पर था. कपड़ा बिखरा हुआ, सिर पर काफी चोट लगी हुई थी.
जांच के दौरान मिले साक्ष्य को पुलिस ने किया जब्त
वहीं शव खून से लथपथ था. पास में ही खून से सनी एक सूखी लकड़ी भी पड़ी हुई थी. सूखी लकड़ी को देखकर ये प्रतीत हो रहा था कि महिला को मारपीट कर हत्या किया गया और फिर शव को पेड़ से लटका दिया गया. जांच के दौरान घटना स्थल से मिले परिस्थितिजन्य साक्ष्यों, लकड़ी का टुकड़ा आदि को पुलिस ने जब्त कर लिया था.
2 साल बाद एक और महिला की हुई हत्या
इसी तरह की दूसरी घटना 13 मार्च, 2023 को भालूकोना में ही हुई. गांव के किशन यादव ने लवन थाना में रिपोर्ट दर्ज कराया गया कि गांव के पनखट्टी तालाब पार स्थित मंदिर के पास भालूकोना निवासी गौरी बाई यादव (56 वर्ष) का शव पड़ा हुआ है. सूचना के बाद पुलिस घटनास्थल पहुंची. जिसमें पुलिस ने पाया कि मृतिका घर में अकेली रहती थी. मृतिका के सिर, और चेहरा पर मारकर चोट पहुंचाया गया है. साथ ही शव पर घसीटने का निशान भी दिख रहा था. इस दौरान घटना स्थल में मिले महत्वपूर्ण साक्ष्यों, खून से लथपथ लकड़ी, एक लोहे का हंसिया आदि जब्त किया गया.
दोनों कत्ल में मिले साक्ष्य को पुलिस ने जांच के लिए भेजा
अंधे कत्ल के दोनों मामले में अज्ञात आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर पुलिस जांच शुरू की. ग्रामीणों से पूछताछ, घटनास्थल पर जांच, परिस्थितिजन्य साक्ष्यों के आधार और दोनों महिला के रहन-सहन और दैनिक दिनचर्या का भी अध्ययन किया गया.
साइन लैंग्वेज से सुलझी हत्या की गुत्थी
पूरी घटनाक्रम और परिस्थितिजन्य साक्ष्यों के आधार पर इस हत्याकांड में गांव के ही एक संदेही तेजराम उर्फ कोंदा (32 वर्ष) का नाम सामने आया. पुलिस टीम को संदेही से पूछताछ के लिए साइन लैंग्वेज विशेषज्ञों की मदद लेनी पड़ी. विशेषज्ञों की मदद से मनोवैज्ञानिक रूप से विस्तृत पूछताछ किया गया, जिसमें आरोपी ने एक सीरियल किलर की भांति दोनों महिलाओं की हत्या करना स्वीकार किया. इसके बाद पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर उसकी निशानदेही पर हत्या में प्रयुक्त पत्थर और अन्य हथियार भी बरामद किया.