भिलाई [न्यूज़ टी 20] समरकंद में अगले महीने होने वाली शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक में मेल-मुलाकातों को लेकर फिर से चर्चाएं शुरू हो गई हैं। यह संभावना जताई जा रही है कि शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ से मुलाकात हो सकती है।

हालांकि, आधिकारिक तौर पर इन खबरों की पुष्टि नहीं की गई है। न ही इन्हें खारिज किया गया। लेकिन दो साल के बाद प्रत्यक्ष रूप से होने जा रही इस बैठक को बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

सूत्रों का कहना है कि यदि सम्मेलन के इतर प्रधानमंत्री मोदी की दोनों देशों के राष्ट्राध्यक्षों से बात होती है तो यह रिश्तों में जमी बर्फ पिघलने में महत्वपूर्ण साबित हो सकती है। एससीओ शिखर सम्मेलन 15-16 सितंबर को होने जा रहा है। कोरोना के चलते पिछले दो सालों के दौरान यह वर्चुअल तरीके से हो रहा था।

लेकिन इस बार सम्मेलन में राष्ट्राध्यक्ष प्रत्यक्ष तौर पर मौजूद रहेंगे। इसलिए आमने-सामने बात होने की संभावना भी है। कई बार इस प्रकार की वार्ता पूर्व निर्धारित होती है तो कई बार अचानक भी हो जाती है।

मुलाकात की इस्लामाबाद ने भी संभावना जताई

दरअसल, एक दिन पहले इस्लामाबाद से सरकारी सूत्रों के हवाले से एक खबर आई थी, जिसमें यह उम्मीद जताई गई है कि शाहबाज शरीफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात कर सकते हैं।

इसके बाद से इन अटकलों को बल मिला है। हालांकि, इस बारे में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि अभी इस मुद्दे पर बताने के लिए उनके पास कुछ भी नहीं है।

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ से मोदी की यह पहली मुलाकात होगी। कश्मीर में हालांकि, पिछले साल से शुरू हुआ संघर्ष विराम काफी हद तक प्रभावी रहा है लेकिन सीमापार से प्रायोजित आतंकवाद समेत तमाम ऐसे मुद्दे हैं जिन पर इस दौरान बातचीत हो सकती है।

कूटनीतिक चैनल काम कर रहा

सूत्रों के अनुसार, सम्मेलन के दौरान अलग से द्विपक्षीय बैठकों को लेकर पर्दे के पीछे कूटनीतिक चैनल काम कर रहा है। इसके सकारात्मक नतीजे अपेक्षित बताए जाते हैं। हालांकि, ताइवान के ताजा घटनाक्रम के आलोक में चीन के रुख को लेकर कुछ भी कहना संभव नहीं है।

यदि प्रधानमंत्री मोदी और शी जिनपिंग के बीच बातचीत होती है तो वह एलएसी पर दो सालों से कायम गतिरोध को दूर करने में मदद मिल सकती है। मालूम हो कि एलएसी पर गतिरोध 16 दौर की सैन्य कमांडर वार्ता के बावजूद कायम है।

तैयारियों को लेकर ताशकंद में विदेश मंत्रियों की हुई थी बैठक

शिखर सम्मेलन की तैयारियों को लेकर जून के आखिरी सप्ताह ताशकंद में हुई बैठक में हालांकि विदेश मंत्री जयशंकर मौजूद थे।

उस समय भी यह संभावना जताई गई थी कि उनकी चीनी विदेश मंत्री वांग यी से अलग से मुलाकात हो सकती है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ था। लेकिन एलएसी पर टकराव के बाद जयशंकर और वांग में कई दौर की बैठकें हो चुकी हैं।

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