भिलाई [न्यूज़ टी 20] बीकानेर में चाइनीज मांझे से युवक की मौत के मामले में चौंकाने वाली बात सामने आई है। मांझा इतना खतरनाक था कि युवक की गर्दन को 4 इंच तक काट दिया।

कुछ ही देर में युवक ने तड़प-तड़प कर दम तोड़ दिया। डॉक्टरों का कहना है कि तलवार के वार से जैसे तुरंत माैत हो जाती है, वैसे ही मांझे से गर्दन पर कट लगा। हादसा रविवार को हुआ था।

पीबीएम हॉस्पिटल के अधीक्षक डॉ. परमेंद्र सिरोही ने दैनिक भास्कर से बताया कि 28 साल के राकेश मारु का गला चार इंच तक कटा है। गले से गुजर रही अधिकांश आर्टरी (नसें) कट गई।

गले में सबसे पहले सांस नली होती है, जिसके कटने के बाद सांस नहीं आती। वहीं इसके पास ही शरीर से ब्लड को दिमाग तक ले जाने वाली केरोटिड आर्टरी होती है। ये आम नलियों से बड़ी होती है।

राकेश का गला चार इंच कटा तो उसकी सांस नली, केरोटिड आर्टरी, आहार नली और वोकल कॉर्ड तक कट गए। वोकल कॉर्ड कटने के कारण वो किसी को आवाज तक नहीं दे सका। ये ही कारण है कि उसने कुछ देर तड़पने के बाद दम तोड़ दिया।

आरी की तरह चला मांझा

राकेश की गर्दन पर चाइनीज मांझा आरी की तरह चला। युवक के बाइक पर तेजी से गुजरने के कारण मांझा खींचा जा रहा होगा, जिससे गला कटता ही चला गया।

कुछ सेकेंड में ही उसकी गर्दन चार इंच तक कट गई। डॉ. परमेंद्र सिरोही का कहना है कि गले में चार इंच तक सभी महत्वपूर्ण नलियां होती है, जो राकेश की कट चुकी थीं।

मांझा नहीं गला रेतने का औजार है ये

डॉ. सिरोही कहते हैं कि चाइनीज मांझा सिर्फ मांझा नहीं है बल्कि गले को रेतने के लिए एक आरी है। ये शरीर के जिस हिस्से पर लगता है, उसी को काट देता है।

हमारी त्वचा बहुत नरम होती है, जो इस तरह के मांझे से शरीर को बचा नहीं सकती। ऐसे में इस मांझे का उपयोग ही बंद करना होगा।

ऑफिस काम से गया था

राकेश रविवार को छुट्‌टी के दिन भी शिक्षा विभाग के काम में ही लगा हुआ था। मुख्यमंत्री के दौरे के कारण वो भी ऑफिस काम से ही गया हुआ था। इस बीच चाइनीज मांझे से उसकी गर्दन कट गई।

घाव इतना गहरा था कि कुछ देर तक सड़क पर तड़पते हुए उसने दम तोड़ दिया। जानकारी मिलने पर शिक्षा निदेशक कानाराम स्वयं एक्टिव हो गए। उन्होंने ही अपने स्टाफ को पीबीएम हॉस्पिटल भेजा। जहां पोस्टमाॅर्टम होने तक निदेशालय के अधिकारी मौजूद रहे।

सूनसान था रास्ता

जिस जगह राकेश मारु मांझे की चपेट में आया था, वहां आवागमन कम है। हालांकि ये हॉस्टल के आगे का घटनाक्रम है, लेकिन दोपहर में कोई आ-जा नहीं रहा था। ऐसे में मरने तक उसके पास कोई नहीं पहुंचा।

बीएसएनएल के एक्सचेंज और राजपूत हॉस्टल के पास दोपहर में तेज गर्मी के दौरान आवागमन लगभग शून्य रहता है। ये मुख्य रास्ता भी नहीं है।

प्रशासन की खानापूर्ति कार्रवाई

हादसे के तुरंत बाद बीकानेर प्रशासन ने चाइनीज मांझे के उपयोग और संग्रहण पर रोक लगा दी है। इसकी खरीद करना और बेचना दोनों अपराध है। जिला कलेक्टर कार्यालय से हर साल ये आदेश जारी होते हैं,

लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं होती। चंद दुकानों से मांझा जब्त करने के बाद भी कोई बड़ी कार्रवाई सामने नहीं आई है। ऐसे में आज भी चोरी-छिपे चाइनीज मांझा बेचा जाता है।

बीकानेर में मांझे से हुए हादसे

  • 19 मार्च 2021 में गंगाशहर में बाइक सवार चाइनीज मांझे की चपेट में आया था। पांच साल के बच्चे कान्हा के नाक व कान के पास सात टांके लगाने पड़े।
  • 2 अप्रैल 2020 को रानी बाजार पुलिया के पास बाइक सवार बाबूलाल चाइनीज मांझे की चपेट में आ गया। उसकी गर्दन पर भी सात टांके आए थे, गनीमत रही कि वो बच गया।
  • 29 मार्च 2019 को पवनपुरी में तेरह साल का सौरभ घायल हो गया। उसके नाक, कान व आंख पर गंभीर घाव हुए थे।
  • 22 अप्रैल 2017 को कोटगेट थाना क्षेत्र में 23 साल का सुरेश भी चाइनीज मांझे की चपेट में आने से घायल हुआ।
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