भिलाई /दुर्ग (न्यूज़ टी 20 ) । दुर्ग जिले के एक निगम अफसर की इन दिनों काफी चर्चा हो रही है। अफसर ने भ्रष्टाचार व कमीशन खोरी में रिकार्ड बना दिया था। काम तब बिगड़ा जब रिश्वत को अपना अधिकार मैंने वाले इस अफसर ने निगम के ही माननीय के नाम से रुपए ले लिए और काम भी नहीं कराया। पीड़ित ने माननीय के पास जाकर अपनी व्यथा बता दी। इसके बाद माननीय ने वह किया जिसकी उम्मीद अफसर को भी नहीं थी।

निगम में पदस्थ उक्त अफसर ने जब तक खुद रिश्वत खाई तब तक तो ठीक था, लेकिन जब उसने माननीय के नाम पर रिश्वत की मांग की तो खेल बिगड़ गया। निगम के माननीय उक्त अफसर को अपने साथ कार में बिठाकर ले गए और पहले तो प्यार पूछा। उसके बाद जब अफसर ने कहा कि रुपए लिए हैं तो एक जोरदार थप्पड़ रसीद कर दिया। मामला यहीं नहीं रुका अफसर को उनके गृहक्षेत्र में डिमोशन के साथ ट्रांसफर करवा दिया गया।

बता दें उक्त अफसर ने दुर्ग के पड़ोसी जिले से अपनी नौकरी की शुरुआत की थी। पदोन्नति के साथ वे दुर्ग जिले में आये थे। यहां आने के बाद उन्होंने अपना काम शुरू कर दिया। बताया जाता है साहब बिना दक्षिणा के कोई काम ही नहीं करते थे। किसी फाइल में दस्तखत कराना हो या कोई और काम, बिना पैसे लिए साहब का हाथ नहीं हिलता था। एक बार तो साहब ने उस काम के लिए भी 5 लाख रुपये रिश्वत मांग ली थी, निगम में जिस काम के लिए फीस ही डेढ़ लाख रुपये थी।

अफसर पहले तो अपने नाम पर घूस ले रहे थे, लेकिन हौसला ऐसा बढ़ा कि अब निगम के जिम्मेदार के नाम पर रुपए लेने लगे। शहर का एक शख्स अपने काम से जब इनके पास पहुंचा तो साहब ने अपने साथ ही निगम के जिम्मेदार माननीय के नाम पर भी उगाही कर ली। इसके बाद शख्स का काम नहीं हुआ तो वे सीधे माननीय के पास पहुंचे और सारी बात बताई। इसके बाद माननीय का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया। इसके बाद निगम के माननीय ने अफसर को बुलाया और अपने साथ कार की सवारी कराई। रास्ते में पूछ लिया क्यों भई आप ने हमारे नाम से रुपए लिए। अफसर पहले तो झिझका, फिर हां में सिर हिला दिया। इसके बाद माननीय ने जमकर थप्पड़ रसीद किया। मामले की शिकायत उच्च स्तर तक पहुंची और अफसर का तत्काल तबादला कर दिया गया। खास बात यह है कि अफसर का डिमोशन कर पूरी साहबगीरी निकाल दी गई। अब साहब पड़ोसी जिले में निचले पद पर कार्य करने को मजबूर हैं। यानी पद भी गया इज्जत भी गई और थप्पड़ खाकर घर वापस लौटे।

अधिकारी के नाम का प्रकाशन हम नहीं कर रहे हैं क्योंकि मामले की जानकारी निगम के सूत्रों ने दी है। हम इस आरोप की पुष्टि भी नहीं कर रहे हैं, लेकिन निगम परिसर में जो चर्चा है उसे जनता के सामने लाना हमारा दायित्व है जिसे हमने बखूबी निभाने का प्रयास किया है।

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