भिलाई [न्यूज़ टी 20] बेमेतरा / मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भारत की आजादी की 75वीं वर्षगांठ के पावन अवसर पर राजधानी रायपुर के पुलिस परेड मैदान में ध्वजारोहण कर प्रदेशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की बधाई और शुभकामनाएं दी।

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर जनता के नाम अपने स्वतंत्रता दिवस संदेश में कहा कि आजादी की 75वीं वर्षगांठ से फिर एक नया सफर शुरू होगा, जो न्याय की हमारी विरासत के साथ आगे बढ़ेगा और ‘गढ़बो नवा छत्तीसगढ़’ का लक्ष्य पूरा करेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राजीव गांधी किसान न्याय योजना अब तीसरे वर्ष में प्रवेश कर चुकी है और इससे लगभग 13 हजार करोड़ रुपए की राशि किसानों को दी जा चुकी है। इस तरह एक सीज़न में किसानों को प्रति एकड़ 9 हजार रुपए की आदान सहायता देने वाला देश का पहला राज्य हमारा छत्तीसगढ़ है।

‘गोधन न्याय योजना’ भी तीसरे वर्ष में प्रवेश कर चुकी है, इसके अंतर्गत अब-तक गोबर विक्रेताओं, गौठान समितियों तथा स्व-सहायता समूहों को 312 करोड़ रुपए दिए जा चुके हैं। देश में रासायनिक खाद की कमी और मूल्य वृद्धि के परिदृश्य में हमारे गौठानों में निर्मित जैविक खाद, अब एक बेहतर विकल्प बन रही है।

किसानों की सिंचाई कर माफी की पहल में भी विस्तार किया गया है और 17 लाख से अधिक किसानों के 342 करोड़ रुपए की राशि माफ की जा चुकी है। किसानों को 4 वर्ष पहले मात्र 3 हजार 692 करोड़ रुपए कृषि ऋण के रूप में प्राप्त हुआ था।

हमने इस वर्ष लक्ष्य बढ़ाकर 6 हजार 500 करोड़ रुपए कर दिया है, जिससे लगभग 75 प्रतिशत अधिक राशि ब्याजमुक्त ऋण के रूप में कृषि क्षेत्र में आएगी। ‘राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना’ अपने दूसरे वर्ष में प्रवेश कर चुकी है।

इसके तहत अब-तक पात्र हितग्राहियों को 213 करोड़ रुपए की राशि दी जा चुकी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 31 जनवरी 2021 तक लंबित कृषि पंपों के ऊर्जीकरण की घोषणा के अनुरूप हमने 35 हजार 151 कृषि पंपों को ऊर्जित करते हुए एक नया कीर्तिमान बना लिया है।

अब 20 हजार 550 नए पंप कनेक्शनों का कार्य 31 मार्च 2023 तक पूरा करने का लक्ष्य है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने खेती को लाभ का जरिया बनाने का वादा भी निभाया है। लगातार बढ़ते हुए, इस वर्ष धान खरीदी 98 लाख मीटरिक टन के सर्वाेच्च शिखर पर पहंुची है,

जो 4 वर्ष पूर्व मात्र 57 लाख मीटरिक टन थी। धान बेचने वाले किसानों की संख्या भी अब बढ़कर 21 लाख 77 हजार से अधिक हो गई है, जो पहले मात्र 12 लाख 6 हजार थी। इस तरह हमारे प्रयासों से धान बेचने वाले किसानों की संख्या 9 लाख 71 हजार बढ़ी है। प्रदेश में धान के अलावा अन्य अनाजों का उत्पादन बढ़ाने के भी अनेक उपाय किए गए हैं।

जिसके कारण अनाज उत्पादन के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ न सिर्फ स्वावलम्बी हुआ है बल्कि प्रदेश में कुल आवश्यकता का 270 प्रतिशत अधिक अनाज उत्पादन हुआ है। फसल विविधीकरण की गति बढ़ाने के लिए ‘टी-कॉफी बोर्ड’ का गठन किया गया है।

दलहन-तिलहन का उत्पादन बढ़ाने के लिए हमने बहुत से कदम उठाए हैं। इस वर्ष से दलहन फसलों की खरीदी भी समर्थन मूल्य पर की जाएगी। प्रदेश में लघु धान्य फसलों को प्रोत्साहित करने के लिए ‘छत्तीसगढ़ मिलेट मिशन’ का गठन किया गया है।

कोदो, कुटकी, रागी का न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित कर इनकी खरीदी करने वाला देश का पहला राज्य छत्तीसगढ़ है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘सुराजी गांव योजना’ से छत्तीसगढ़ को स्वावलंबी ग्रामीण अर्थव्यवस्था वाला राज्य बनाने, भू-जल संरक्षण व रिचार्जिंग को बढ़ाने और कृषि भूमि को जहरीले रसायनों से मुक्ति दिलाते हुए जैविक खेती में मदद मिल रही।

‘गरुवा योजना’ में पहले हमने गौठानों के विकास पर जोर दिया।मुख्यमंत्री ने कहा कि गौठानों को आजीविका-केन्द्र के रूप में विकसित करने हेतु हम ‘ग्रामीण आजीविका पार्क’ अर्थात ‘रूरल इंडस्ट्रियल पार्क’ प्रारम्भ करने जा रहे हैं।

इसका उद्देश्य ग्रामीण गरीब परिवारों के लिए आजीविका के माध्यम से अतिरिक्त आय के साधन बनाना है। गांधी जयंती अर्थात 2 अक्टूबर 2022 के अवसर पर इसका शुभारम्भ किया जाएगा और प्रथम वर्ष में 300 ऐसे पार्क स्थापित कर दिए जाएंगे।

अब एक कदम और आगे बढ़ाते हुए हमने 4 रुपए प्रति लीटर की दर से गौ-मूत्र खरीदी की योजना भी शुरू कर दी है, जो ‘रासायनिक पेस्टिसाइड्स’ के मुकाबले एक बेहतर विकल्प है। ‘बाड़ी योजना’ अंतर्गत प्रति गौठान एक से डेढ़ एकड़ तक भूमि चिन्हांकित की गई है।

अभी तक 3 लाख से अधिक बाड़ियां विकसित की जा चुकी हैं। परम्परागत कौशल के वैल्यू-एडीशन के लिए हमने ‘सी-मार्ट’ की स्थापना का वादा भी निभाया है। इससे बुनकरों, कारीगरों, शिल्पकारों तथा स्व-सहायता समूहों के स्थानीय उत्पादों की बिक्री हेतु उचित बाजार मिलेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में हमने सुधार के स्थायी उपाय किए, जिसके तहत पहले चरण में 14 हजार से अधिक शिक्षकों की स्थायी भर्ती का कार्य शुरू किया गया, जो अब अंतिम चरणों में है।

इसके अतिरिक्त 10 हजार शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। ‘स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालय योजना’ से स्कूली शिक्षा के क्षेत्र में एक नयी क्रांति आयी है। विगत वर्ष हमने 51 स्कूलों से यह योजना प्रारंभ की थी, जो अब बढ़कर 279 स्कूलों तक पहुंच चुकी है।

इनमें से 32 स्कूल हिन्दी माध्यम के हैं तथा 247 स्कूलों में हिन्दी के साथ अंग्रेज़ी माध्यम में भी शिक्षा दी जा रही है। हमने युवाओं को सकारात्मक और रचनात्मक दिशा में आगे बढ़ाने के लिए 6 हजार 518 से अधिक ‘राजीव युवा मितान क्लब’ प्रारम्भ कर दिए हैं,

जिसका विस्तार सभी पंचायतों तथा नगरीय-निकायों में किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि 26 जनवरी 2022 को शासकीय कार्यालयों में पांच कार्य दिवस प्रति सप्ताह प्रणाली लागू करने की घोषणा की थी, जिसे तत्काल पूरा किया गया,

जिससे हमारे कर्मचारी साथी अधिक ऊर्जा और उत्साह के साथ कार्य करने में सक्षम हुए हैं। इसी प्रकार हमने राज्य के शासकीय कर्मचारियों एवं उनके परिवारजनों के भविष्य की चिंता करते हुए, उनकी लंबित मांग पूरी की और 1 नवम्बर, 2004 अथवा उसके पश्चात नियुक्त शासकीय कर्मचारियों के लिये नवीन अंशदायी पेंशन योजना के स्थान पर पुरानी पेंशन योजना को बहाल कर दिया है।

हमने स्वास्थ्य सुविधाओं को जन-जन तक पहुंचाने के लिए अनेक योजनाएं लागू की हैं। ‘डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना’, ‘मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना’, ‘मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लीनिक योजना’,

‘निःशुल्क डायलिसिस कार्यक्रम’, ‘मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य सहायता योजना’, ‘मुख्यमंत्री दाई-दीदी क्लीनिक योजना’, ‘दीर्घायु वार्ड योजना’ के अंतर्गत 83 लाख से अधिक लोगों को स्वास्थ्य-लाभ मिला है।

हमने प्रदेश में सार्वभौम पीडीएस व्यवस्था लागू करने का वादा निभाया है। इस योजना के हितग्राहियों की संख्या 2 करोड़ 60 लाख हो गई है, जो वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार 100 प्रतिशत कवरेज है।

आयरन फॉलिक एसिड युक्त, फोर्टिफाइड चावल का वितरण 10 आकांक्षी जिलों के साथ कबीरधाम एवं रायगढ़ जिलों में भी ‘मध्याह्न भोजन’ व ‘पूरक पोषण आहार योजना’ के तहत किया जा रहा है।

वर्ष 2024 तक पीडीएस के अंतर्गत सभी जिलों में फोर्टिफाइड चावल का वितरण प्रारंभ किया जाएगा। छत्तीसगढ़ में महिलाओं की सुरक्षा, पोषण और स्वास्थ्य को प्राथमिकता दी गई है। प्रदेश के 51 हजार 664 आंगनवाड़ी केन्द्रों में 26 लाख महिलाओं तथा बच्चों को गर्म पका हुआ भोजन दिया जा रहा है।

‘मुख्यमंत्री सुपोषण योजना’ से कुपोषित बच्चों की संख्या में 48 प्रतिशत की कमी आई है। योजना अवधि में अब तक 2 लाख 11 हजार बच्चे कुपोषण से मुक्त हुए हैं। ‘नोनी सुरक्षा योजना’ के अंतर्गत 43 हजार से अधिक बेटियों को लाभान्वित किया गया है।

आंगनवाड़ी और प्राथमिक शाला के समन्वय से 5 हजार से अधिक आंगनवाड़ी को बालवाड़ी के रूप में विकसित किया जा रहा है। शहरों के पर्यावरण को स्वच्छ और हरा-भरा बनाए रखने के लिए हमने इस वर्ष जन्माष्टमी के अवसर पर ‘कृष्ण कुंज योजना’

शुरू करने का निर्णय लिया है, जिसके तहत सभी 170 नगरीय-निकायों में 226 एकड़ क्षेत्र में सांस्कृतिक महत्व के पौधों का रोपण किया जाएगा। परिवहन से संबंधित सेवाओं का वास्ता अधिकांश लोगों से होता है। हमने लर्निंग लाइसेंस, यात्री वाहनों के पर्यटन आवेदन की प्रक्रिया ऑनलाइन की है।

वाहनों के पंजीयन एवं चालक लाइसेंस ‘क्यू आर कोड’ आधारित स्मार्ट कार्ड पर जारी किए जा रहे हैं। परिवहन कार्यालय आने-जाने से बचत हेतु ‘परिवहन सुविधा केन्द्र’ खोले जा रहे हैं। ‘तुंहर सरकार-तुंहर दुआर’ की संकल्पना को साकार करने हेतु आरसी बुक।

लाइसंेस की घर पहुंच सेवा स्पीड पोस्ट के माध्यम से की गई, जिसके तहत अभी तक 11 लाख 41 हजार से अधिक दस्तावेज आवेदकों के घर भेजे जा चुके हैं। प्रदेश में बिजली का उपभोग बढ़ाना हमारी प्राथमिकता होगी।

ताकि बिजली हमारे प्रदेश में रोजगार, उद्यमिता और जीवन स्तर उन्नयन का माध्यम बने। हमने ‘हाफ बिजली बिल योजना’ का वादा निभाया, जो अब अपने तीसरे वर्ष में प्रवेश कर चुकी है और इसके अंतर्गत 41 लाख से अधिक उपभोक्ताओं को 2 हजार 500 करोड़ रुपए की बचत हो चुकी है।

आज मुझे यह कहते हुए खुशी है कि हमने वर्ष 2018-19 की सर्वाधिक मांग 4 हजार 640 के मुकाबले 5 हजार 300 मेगावाट का उच्चतम स्तर छुआ है। कुशल प्रबंधन से विद्यमान बिजली घरों में उच्चतम उत्पादन हुआ और पारेषण,

वितरण की बेहतर व्यवस्था करने में भी सफल हुए। अब छत्तीसगढ़ एक सशक्त विद्युत प्रणाली वाला राज्य बन गया है, जिससे और भी अधिक सुदृढ़ करने के लिए हमने वर्ष 2025 तक की कार्ययोजना बनाकर कार्य प्रारंभ किया है।

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