भिलाई [न्यूज़ टी 20] मुंगेली। छत्तीसगढ़ के प्रेम आर्य संभवत: देश के इकलौते ऐसे शख्स हैं, जिन्होंने गोबर बेचकर 18 लाख रुपए से ज्यादा की कमाई की है। दरअसल, छत्तीसगढ़ में चल रही गोधन न्याय योजना में गौ पालकों से गोबर की खरीदी की जाती है।

कृषि विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक योजना के शुरू होने की तारीख 20 जुलाई 2020 से लेकर अब तक 18 लाख 15 हजार 380 रुपए का गोबर मुंगेली जिले के प्रेम आर्या ने बेचा है।

पूरे देश में इस वक्त छत्तीसगढ़ ही इकलौता राज्य है, जहां सरकार दो रुपए किलो की दर से गोबर खरीदती है। मुंगेली के गौ-पालक प्रेम आर्या ने बताया कि उन्होंने साल 2016 में मुंगेली जिले में 8 गायों के साथ डेयरी शुरू की थी।

प्रेम आर्या पेशे से जनरल स्टोर के मालिक हैं। गायों के प्रति लगाव की वजह से एक छोटी डेयरी शुरू की। कुछ समय बाद उन्होंने और 7 गाय खरीदी। प्रेम ने बताया कि जब हम 15 गायों के साथ डेयरी चला रहे थे तो घाटे में थे।

मगर गोबर की खरीदी होने से हमें राहत मिली है। आज हमारी डेयरी में 110 गाय हैं। हम गोबर को सुरक्षित रखते हैं, इसके बाद लगभग हर रोज करीब एक ट्रैक्टर ट्रॉली भरकर गोबर विक्रय के लिए भेजते हैं। प्रेम आर्य ने बताया कि गोबर खरीदी की वजह से डेयरी व्यवसाय को बूस्टर डोज मिला है।

हम ये चाहते हैं कि ये योजना कभी बंद न हो। मैं और मेरा परिवार गायों की सेवा में लगा रहता है। बहुत मेहनत का काम है। साल 2024 में हम 500 गायों के साथ इस कार्य को और आगे ले जाना चाहते हैं।

मैं अपना सौभाग्य मानता हूं कि गौ माता की सेवा कर पा रहे हैं। गोबर की खरीदी होने की वजह से सब मिलाकर हम हर महीने 35 से 40 हजार रुपए बचा पाते हैं।

रोजगार का विकल्प बन सकता है गोबर खरीदी

प्रेम बताते हैं कि गोबर की खरीदी होने की वजह से डेयरी का काम एक अच्छा रोजगार बन सकता है। बशर्ते मवेशियों की सेवा करने का भाव यदि हो। हमारे लिए गाय देवी समान है। मैंने बाद में 32 गाय लेने के लिए बैंक से लोन लिया।

मैं हर महीने इसकी 56 हजार रुपए कि किश्त अदाकर रहा हूं। कोई भी बेरोजगार युवा बैंक से लोन लेकर इस काम को कर सकता है। सेवा भाव से इस काम की हमने शुरूआत की थी। अब मेरा सपना है कि हम 500 गायों के साथ गौ सेवा के इस काम को आगे ले जाएं।

ऐसे करते हैं गायों की देखरेख, गर्मी से बचाने कूलर भी

प्रेम ने बताया कि इन गायों का गोबर साफ करने डेयरी को मेंटेन रखने के लिए हमारे पास 14 कर्मचारियों की टीम है। हर दिन सवा चार क्विंटल चारा लगता है, 10 बोरी दाना रायपुर से मंगवाते हैं,

एक डॉक्टर भी तय हैं, मवेशियों के लिए हर महीने 20 से 25 हजार की दवाएं भी आती हैं। 16 के आस-पास कूलर डेयरी में लगा रखे हैं, ताकि गायों को गर्मी न लगे।

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