भिलाई [न्यूज़ टी 20] नई दिल्ली. गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि भारत ने आपदा प्रबंधन में अपनी अपनी क्षमता बढ़ाकर महत्वपूर्ण मुकाम हासिल किया है और इस मामले में कई देशों से आगे है. उन्होंने कहा कि आपदा प्रबंधन के हर क्षेत्र में हमारी तकनीकी में इजाफा हुआ है जो वैश्विक मानदंडों पर खरा उतरता है.
उन्होंने कहा, हमने आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में लंबी दूरी तय की है. पहले हम मुख्य रूप से पुनर्वास आधारित दृष्टिकोण को अपनाते थे. यानी जब कोई प्राकृतिक आपदा आ जाती थी उसके बाद लोगों को सहायता के लिए पुनर्वास की व्यवस्था में लगते थे.
90 के दशक में ऐसा ही होता था. लेकिन आज आपदा घटित होने से बहुत पहले हमें सूचना मिल जाती है. इससे हम जान-माल की हानि को बहुत कम कर लेते हैं.
हम विश्व में कई देशों से आगे
गृह मंत्री ने कहा, बहुत पहले सूचना मिलने के कारण हम हजारों जिंदगियों को पहले ही बचा लेते हैं और संपत्ति के नुकसान को भी बहुत कम कर लेते हैं. आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में हम वैश्विक मानदंडों के बराबर हैं जबकि कई देशों से हम बहुत आगे पहुंच चुके हैं. यह हमारे लिए गर्व की बात है.
गृह मंत्री कैपिसिटी बिल्डिंग फॉर डिजास्टर रिस्पॉन्स 2022 कांफ्रेंस के वार्षिक समारोह में बोल रहे थे. गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार में कई कदम उठाए गए हैं जिसके कारण आज हम आपदा से होने वाली मौतें और नुकसान को कम करने में सक्षम हो पाए हैं.
गृह मंत्री ने आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में क्षमता निर्माण की की जरूरत पर बल देते हुए कहा कि समय से पहले सूचना को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाना हमारा लक्ष्य होना चाहिए. उन्होंने कहा कि आज हमें किसी भी तरह की आपदा की सूचना पहले मिल जाती है.
यहां तक कि बिजली गिरने की सूचना भी पहले मिल जाती है. इसलिए यह सूचना समय पर सबको पहुंचानी जरूरी है. हालांकि इसमें हमें तब तक महारत हासिल नहीं होगी जब तक आपदा प्रबंधन से संबंधित सभी एजेंसियों के बीच उचित तरीके से कॉर्डिनेशन न हो जाए.
वैज्ञानिक तरीके से काम करता है आपदा प्रबंधन
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, मैंने 2001 में गुजरात का भुकंप देखा है उसमें हज़ारों लोगों ने अपनी जान गंवाई. 1999 के ओडिशा के सूपर साइक्लोन को भी देखा जिसमें 10,000 से ज़्यादा लोगों की मृत्यु हुई थी. लेकिन आज हम उस मुकाम पर खड़े हैं जहां कितना भी बड़ा साइक्लोन आ जाए हम उससे निपटने में सक्षम हैं.
उन्होंने कहा कि जब आपदा प्रबंधन की बात करते हैं तो आपदा प्रबंधन हमारे देश में कोई नई बात नहीं है. लेकिन आज तकनीक और विज्ञान के कारण सूचनाएं हमें जल्दी मिल जाती है. अब वैसी स्थिति नहीं है कि अचानक हमें जानकारी मिलती है. हमें समय के पहले सूचनाएं मिलती है.
जिस प्रकार की आपदा आने वाली है वहां लोगों को सजग करना जैसे काम पहले किए जाते हैं. उन्होंने कहा, आज उत्तराखंड की पहाड़ियों से गंगा को बंगाल तक पहुंचाया गया है तो इससे पता चलता है कि वैज्ञानिक तरीके से इसे बनाया गया है.