भिलाई [न्यूज़ टी 20] दानापुर (पटना). बिहार की राजधानी पटना के दानापुर से बड़ी खबर सामने आ रही है. गंगा नदी में एक नाव डूब गई है. बताया जा रहा है कि नाव से कुछ मजदूर गेहूं की फसल काटने के लिए गंगा नदी पार कर रहे थे,
तभी अचानक से नाव नदी में पलट गई. नौका हादसे में 3 लोगों के लापता होने की बात कही जा रही है. नाव दुर्घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय पुलिस और SDRF की टीम मौके पर पहुंच गई और लापता लोगों की तलाश में जुट गई है.
गर्मी के दिनों में गंगा नदी के दूसरी तरफ स्थानीय लोग फसल उगाते हैं. आमतौर पर गेहूं की फसल लगाई जाती है. फिलहाल गेहूं के फसल की कटाई का काम चल रहा है. इसी सिलसिले में मजदूर गंगा नदी के उस पार जा रहे थे, जब उनकी नाव दुर्घटनाग्रस्त हो गई.
जानकारी के अनुसार, नौका दुर्घटना दानापुर के मनेर थाना क्षेत्र के ब्रह्मचारी गांग के पास गंगा नदी में हुई. नाव पर सवार 3 मजदूर लापता बताए जा रहे हैं. हादसे की जानकारी के बाद मौके पर मनेर के अचंलाधिकारी और थानाध्यक्ष दलबल के साथ पहुंच गए.
शुरुआत में स्थानीय गोताखोर को बुलाकर लापता मजदूरों का पता लगाने की कोशिश की गई. इसके बाद SDRF की टीम को भी मौके पर बुला लिया गया. स्थानीय गोताखोर और एसडीआरएफ की टीम गंगा नदी में लापता हुए मजदूरों की तलाश कर रही है.
नौका हादसे में लापता तीनों लोग ब्रह्मचारी गांव के निवासी बताए जा रहे हैं. इनकी पहचान विजय कुमार, अर्जुन कुमार और मुन्ना कुमार के तौर पर की गई है. इस बीच घटनास्थल पर ग्रामीणों की भीड़ जुट गई है. दूसरी तरफ गांव में कोहराम मचा हुआ है.
दानापुर में रोजाना लोग नाव से करते हैं नदी पार
दानापुर में गंगा नदी से लगते दियारा का क्षेत्र है. यहां के हजारों लोग प्रतिदिन नाव के सहारे ही आवागमन करते हैं. इसके अलावा जिन लोगों की खेत नदी पर हैं, उन्हें भी नाव के सहारे की पार करना पड़ता है.
नाव संचालक आमतौर पर ज्यादा कमाई के चक्कर में ज्यादा यात्रियों को बिठाकर नदी पार कराते हैं, जिससे दुर्घटना की आशंका हमेश्याा बनी रहती है. समीप में कोई पुल न होने की वजह से लोग भी मजबूरी में गंगा नदी नाव से ही पार करते हैं.
दीघा में पलटी थी नाव
पिछले साल पटना के दीघा में एक नाव पलट गई थी. इसमें सवार 12 लोगां ने नाव को अनियंत्रित होता देख नदी में छलांग लगा दी थी और तैर कर अपनी जान बचाई थी. यह नाव भी दियारा क्षेत्र से ही आ रही थी.
गंगा पर के लोगों के शहर की और आने के लिए मुकम्मल व्यवस्था न होने की वजह से बड़ी तादाद में लोग नाव के सहारे ही इस पार से उस पार आते और जाते हैं.