भिलाई [न्यूज़ टी 20] भिलाई/खैरागढ़। खैरागढ़ उपचुनाव में तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही है, सियासी उलटफेर शुरू हो गए हैं। आज दो केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता चुनावी रण में थे और उन्हें झटका लग गया।

जी हां, कभी उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी रहे और रमन, बृजमोहन के करीबियों में एक हेमंत शर्मा अब कांग्रेस के हो गए हैं। आज भारतीय जनता पार्टी को बड़ा झटका लगा है। भाजपा के वरिष्ठ नेता हेमंत शर्मा ने कांग्रेस प्रवेश कर लिया है।

इस काम में कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। हेमंत को कांग्रेस में शामिल कराने के लिए देवेंद्र ने जो रोल अदा किया है, उसके लिए सीएम भूपेश समेत प्रदेश के नेताओं ने पीठ थपथपाई है।

आपको बता दें कि चुनाव के पहले दिन से विधायक देवेंद्र अपनी टीम के साथ ग्राउंड में डटे हुए हैं। खैरागढ़ में बूथ से लेकर संगठन को मजबूती प्रदान करने में जुटे हुए हैं।

दरअसल खैरागढ़ उपचुनाव को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल लगातार विधानसभा क्षेत्र के सभी ब्लॉक और गांव स्तर तक पहुंचकर आम सभा को संबोधित कर रहे हैं। इसी दौरान बुधवार को सीएम भूपेश बघेल आमसभा को संबोधित करने बाजार अतरिया पहुंचे।

जहां उन्होंने भाजपा नेता हेमंत शर्मा को कांग्रेस की सदस्यता दिलाई। कांग्रेस प्रवेश करने के बाद हेमंत शर्मा ने कहा कि हम लोग कांग्रेस के लिए मजबूती से खड़े है और कांग्रेस को ही जीत दिलाएंगे और खैरागढ़ को जिला बनाएंगे।

केंद्रीय राज्यमंत्री प्रह्लाद पटेल के किसानों के लिए कर्ज लेने वाले बयान पर हेमंत शर्मा ने कहा कांग्रेस सरकार अच्छा काम कर रही है।

अगर किसानों के लिए कर्ज लेना पड़े तो भी लेंगे। और खैरागढ़ को जिला बनाने के लिए भी कर्ज लेना पड़े तो कांग्रेस कर्ज लेने को तैयार है।

तीन दशकों के साथी रहे हेमंत शर्मा ने छोड़ा साथ
भाजपा नेताओं की 3 दशक पुरानी एक तस्वीर सामने आई है। इस तस्वीर में पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह, राजनांदगांव से लोकसभा सांसद संतोष पांडेय, पूर्व विधायक और भाजपा प्रत्याशी कोमल जंघेल और हेमंत शर्मा दिखाई दे रहे हैं।

इन सभी नेताओं ने ने 30 साल पहले अपनी राजनीतिक करियर की शुरुआत की। इसमें रमन सिंह भाजपा से तीन बार के मुख्यमंत्री रहे। वहीं कोमल जंघेल एक बार के विधायक और इस उपचुनाव में भाजपा के प्रत्याशी हैं।

हेमंत शर्मा जब दिवंगत नेता देवव्रत सिंह के खिलाफ 1995 विधानसभा चुनाव में भाजपा के उम्मीदवार रह चुके हैं। इसमें उन्हें देवव्रत सिंह ने हराया था। बता दें हेमंत शर्मा भाजपा वरिष्ठ नेताओं में शामिल रहे हैं।

उन्होंने 1995 के पहला उप चुनाव में देवव्रत के सामने भाजपा के उम्मीदवार थे। वे मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के करीबियों में शामिल हैं।

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