भिलाई [न्यूज़ टी 20] Tax on cryptocurrency : 1 अप्रैल 2022 से आयकर नियमों में कई बदलाव होने वाले हैं. क्रिप्टोकरेंसी और अन्य डिजिटल एसेट को लेकर लागू नए आयकर नियम इन्हीं बदलावों में शामिल हैं. केंद्र सरकार ने 2022 के बजट में कहा था

कि क्रिप्टोकरेंसी या किसी भी डिजिटल एसेट से होने वाली कमाई पर फ्लैट 30 फीसदी आयकर लगेगा. इसके अलावा डिजिटल एसेट के रूप में गिफ्ट लेने वाले को 1 फीसदी टीडीएस व कुछ मामलों में गिफ्ट टैक्स भी देना होगा.

क्या डिजिटल एसेट की लेनदेन पर टैक्स का नियम

इस पर बात करते हुए मुंबई के टैक्स व निवेश विशेषज्ञ बलवंत जैन कहते हैं, “1 अप्रैल से निवेशकों को डिजिटल असेट से होने वाली आय पर 30 फीसदी टैक्स भरना होगा. इसके अलावा डिजिटल एसेट की हर ट्रांज़ेक्शन पर खरीद मूल्य का 1 फीसदी टीडीएस के रूप में देना होगा. हालांकि, यह टीडीएस वाला नियम 1 जुलाई से लागू होगा.

इसके अतिरिक्त 1 अप्रैल से प्रॉपर्टी की परिभाषा भी बदल जाएगी जिससे डिजिटल एसेट को इसमें शामिल किया जा सके. एक वित्तीय वर्ष के अंदर किसी भी नॉन-स्पेसिफाइड रिलेटिव से अगर 50 हजार रुपए से अधिक के डिजिटल एसेट उपहार के रूप में मिलते हैं तो उसे आय माना जाएगा.”

बलवंत जैन ने कहा कि अगले वित्त वर्ष से करदाताओं को टैक्स फाइलिंग के दौरान उन डिजिटल एसेट का ज़िक्र करना होगा जो उन्हें नॉन-स्पेसिफाइड रिलेटिव से मिले हैं.

एक अन्य टैक्स विशेषज्ञ Taxbuddy.com के सुजीत बांगर कहते हैं कि टैक्स में किसी तरह की छूट नहीं दिए जाने से क्रिप्टोकरेंसी से शुद्ध मुनाफा कमाना बेहद मुश्किल हो जाएगा. उन्होंने कहा कि यह नियम टैक्स भरने के बाद क्रिप्टोकरेंसी संबंधी लेनदेन से बची कमाई को प्रभावित करेंगे.

कैसे कटेगा टीडीएस

इसे लेकर सुजीत बांगर कहते हैं, “क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े लेनदेन पर 1 फीसदी टीडीएस लिए जाने का प्रस्ताव है. लेकिन यहां गौर करने वाली बात यह है कि हम क्रिप्टोकरेंसी को मुनाफे पर बेचें या घाटे पर 1 फीसदी टीडीएस कटना तय है.”

हालांकि, घाटे पर कटे टीडीएस को साल के अंत में आयकर भरते वक्त सेटऑफ कर क्लेम किया जा सकता है. सुजीत बांगर कहते हैं कि यदि आप क्रिप्टोकरेंसी में ट्रेड की शुरुआत करने का मन बना रहे हैं तो आयकर रिटर्न ज़रूर फाइल करें.

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