भिलाई [न्यूज़ टी 20] नई दिल्ली : यूक्रेन युद्ध की शुरूआत से ही भारत लगातार अपने व्यक्तव्य पर कायम है, कि कूटनीति से ही शांति संभव है और रूस-यूक्रेन में शांति का रास्ता सिर्फ और सिर्फ डिप्लोमेसी का ही है और भारत अपने कदम पर आज भी कायम है।
यूनाइटेड नेशंस सिक्योरिटी काउंसिल में भारत ने रूस-यूक्रेन विवाद पर एक बार फिर से बयान जारी किया है, लेकिन अब जबकि युद्ध के 2 महीने पूरे होने वाले हैं…. भारत ने अभी भी रूस की निंदा नहीं दी है.
यूएनएससी में क्या बोला भारत भारत ने रूस-यूक्रेन संकट की शुरुआत से ही कूटनीति और वार्तालाप के रास्ते को आगे बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया है और संयुक्त राष्ट्र के भारत के उप स्थायी प्रतिनिधि आर. रविन्द्र ने यूक्रेन के मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की बैठक में बोलते हुए फिर से एक बार भारत का पक्ष रखा है।
मंगलवार को यूक्रेन में मानवीय स्थिति को लेकर यूएनएससी में बैठक का आयोजन किया गया था। जिसमें भारतीय प्रतिनिधि ने कहा कि, ‘हमने संघर्ष की शुरुआत से ही कूटनीति और वार्तालाप के मार्ग को आगे बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया है।
जब निर्दोष मानव जीवन दांव पर लगा हुआ है, तो कूटनीति को एकमात्र व्यवहार्य विकल्प के रूप में आजमाना चाहिए।‘ ‘मानवीय स्थिति काफी खराब’ यूएनएससी में यूक्रेन में लोगों की जिंदगी पर बोलते हुए भारतीय प्रतिनिधि ने कहा कि, ‘यूएनएससी में आखिरी बार यूक्रेन मुद्दे पर हुई ।
बैठक के बाद से अब तक यूक्रेन में सामान्य मानवीय जीवन की स्थिति काफी बिगड़ी है। यूक्रेन से जो रिपोर्ट्स आ रही हैं, उसके मुताबिक, महिलाएं और बच्चे बहुत बुरी तरीके से प्रभावित हुई हैं और लोगों की भारी तादाद यूक्रेन के अंदर और पड़ोसी देशों में विस्थापित होने के लिए मजबूर हुए हैं।’
भारत दे रहा मानवीय मदद भारतीय प्रतिनिधि ने यूएनएससी में यूक्रेन में पहुंचाई जाने वाली मानवीय सहायताओं का भी जिक्र किया है और उन्होंने कहा कि, भारत लगातार यूक्रेन के लोगों तक मानवीय सहायता पहुंचा रहा है। आपको बता दें कि, इसी महीने जब भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन की वर्चुअल मुलाकात हुई थी।
उस दौरान भी अमेरिकी राष्ट्रपत ने मानवीय मदद पहुंचाने के लिए भारत की तारीफ की थी। और भारत ने एक बार फिर से यूएनएससी में मानवीय मदद का जिक्र किया है। यूक्रेन की स्थिति में भारत की मानवीय सहायता पर प्रकाश डालते हुए।
भारतीय राजनयिक ने कहा कि, भारत दवाएं और अन्य आवश्यक राहत सामग्री यूक्रेन में भेज रहा है और यूक्रेन को और अधिक सहायता प्रदान करना जारी रखेगा। ‘पूरी दुनिया पर हो रहा प्रभाव’ यूएनएससी में भारत ने यूक्रेन संकट का जिक्र करते हुए कहा कि,
यूक्रेन संकट का असर सिर्फ यूक्रेन पर ही नहीं पड़ रहा है, बल्कि इसका असर यूक्रेन के बाहर भी महसूस किया जा रहा है और कई विकासशील देशों में खाद्य सामग्रियों की कमी को महसूस किया जा रहा है। भारत ने कहा कि, ‘यूक्रेन संघर्ष से उत्पन्न खाद्य सुरक्षा चुनौतियों के लिए हमें रचनात्मक रूप से प्रतिक्रिया करने की आवश्यकता है।
बढ़ती कमी को उन बाधाओं के पार जाकर संबोधित किया जा सकता है जो हमें वर्तमान में बांधते हैं। ऊर्जा सुरक्षा समान रूप से एक गंभीर चिंता है और इसकी निवारण की आवश्यकता है और सामूहिक तौर पर ही इसका हल किया जा सकता है।
यूक्रेन को अल्टीमेटम आपको बता दें कि, यूक्रेन युद्ध का आज 56वां दिन है और कल रूस ने मारियुपोल को लेकर यूक्रेन को आखिरी चेतावनी दी थी और कुछ घंटे में सभी सैनिकों को मारियुपोल से बाहर निकल जाने या सरेंडर करने के लिए कहा था, जिसे यूक्रेन ने ठुकरा दिया है।
रूस ने मंगलवार को यूक्रेनी सैनिकों से “तुरंत हथियार डालने” को कहा है और बंदरगाह वाले शहर मारियुपोल में मौजूद यूक्रेनी सैनिकों को लड़ाई छोड़कर फौरन अपने हथियार डालने की चेतावनी दी है। रूसी रक्षा मंत्रालय ने यूक्रेन की राजधानी कीव को सीधे तौर पर संबोधित किया है ।
और कहा है कि, ‘यूक्रेन अपने सैनिकों को फौरन हथियार डालने को कहें और बेमतलब का प्रतिरोध दिखाना बंद करें’। रूस ने कहा है कि चंद घंटों में अगर यूक्रेनी सैनिक हथियार डाल देते हैं, तो रूस उनकी जान बख्शने की गारंटी ले रहा है अन्यथा अंजाम बहुत बुरे होंगे।
रूस ने की भारत की तारीफ वहीं, रूस यूक्रेन के बीच संघर्ष समेत तमाम वैश्विक मुद्दों पर भारत के तटस्थ रुख की रूस ने एक बार फिर से तारीफ की है और कहा है, कि भारतीय विदेश मंत्री जयशंकर ने रूस के साथ संबंधों को लेकर सूझबूझ का परिचय दिया है।
रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने भारत की विदेश नीति की जमकर तारीफ की। उन्होंने अपने भारतीय समकक्ष एस जयशंकर को असली देशभक्त बताया। सर्गेई ने आगे कहा कि, एस जयशंकर एक अनुभवी राजनयिक हैं और इसीलिए उन्होंने कहा कि, वो भारत की हितों के आधार पर ही कोई फैसला लेंगे।
सर्गेई ने कहा कि, बहुत सारे देश हैं जो ऐसी बातें नहीं करते। रूस के विदेश मंत्री ने कहा रूस को किसी भी आयात के संबंध में पश्चिमी देशों से अपेक्षा नहीं है। रूस रक्षा,खाद्य सुरक्षा या फिर रणनीतिक क्षेत्रों के लिए किसी भी पश्चिमी सहयोगी देश पर भरोसा नहीं कर सकता और रूस भारत की पूरी मदद करने के लिए तैयार है।